डॉक्टरों व आइओ की गवाही नहीं, केस लंबित

गुमला : गुमला व्यवहार न्यायालय में कई पुलिस पदाधिकारी व डाॅक्टर गवाही देने नहीं आ रहे हैं. इस कारण गुमला कोर्ट में करीब 102 मामले लंबित हैं, जबकि लंबित केस की कोर्ट में प्रक्रिया पूरी हो गयी. परंतु पुलिस आइओ व डॉक्टर की गवाही नहीं होने से केस फंसा हुआ है. जानकारी के अनुसार, 88 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2018 6:30 AM

गुमला : गुमला व्यवहार न्यायालय में कई पुलिस पदाधिकारी व डाॅक्टर गवाही देने नहीं आ रहे हैं. इस कारण गुमला कोर्ट में करीब 102 मामले लंबित हैं, जबकि लंबित केस की कोर्ट में प्रक्रिया पूरी हो गयी. परंतु पुलिस आइओ व डॉक्टर की गवाही नहीं होने से केस फंसा हुआ है.

जानकारी के अनुसार, 88 पुलिस अवर निरीक्षक व सहायक अवर निरीक्षक (केस के आइओ) और 14 डॉक्टरों की गवाहीं नहीं हो पायी है. सभी केस लगभग पांच साल पुराना है. हाइकोर्ट का भी आदेश है कि पांच साल पुराना या उससे अधिक समय का केस का जल्द निबटारा करना है. इन सभी केसों को जुलाई के अंतिम तक पूरा करना है.
गुमला कोर्ट द्वारा कई पुअनि व सअनि को वारंट जारी किया गया है. इसके अलावा सम्मन भी जारी किया गया है. इसके बाद भी आइओ कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जबकि कई केस के सअनि, पुअनि सेवानिवृत्त हो चुके हैं और तो कई दूसरे जिला में पदस्थापित हैं. डाॅक्टरों में कई डॉक्टर दूसरे जिला में पदस्थापित हैं, तो कई डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं. यही वजह है कि केस लंबित है. कोर्ट में डॉक्टर व आइओ की गवाही नहीं होने के मामले को गुमला न्यायालय, गुमला एसपी व लोक अभियोजन ने गंभीरता से लिया है. परंतु आइओ व डॉक्टरों की लापरवाही के कारण केस लंबित है. इन सभी मामलों में कुछ केस हत्या, दुष्कर्म व एससी-एसटी जैसे अापराधिक मामले हैं. इन मामलाें को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने इस मामले के कई आइओ को सम्मन व वारंट जारी किया है.
कई गवाह सेवानिवृत्त हो गये हैं
इन सभी लंबित मामलों के आइओ व डॉक्टर की गवाही होने से लंबित मामलों का निबटारा जल्द हो जायेगा, पर कई आइओ दूसरे जिला में पदस्थापित हैं. कुछ सेवानिवृत्त होने के बाद बिहार चले गये हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी ये लोग केस में रूचि नहीं ले रहे हैं. जिस कारण केस लंबित है. वहीं डॉक्टरों में कुछ डॉक्टर सेवानिवृत्त, तो कुछ दूसरे जिला में पदस्थापित हो गये हैं.
स्पीडी ट्रायल के 24 मामले
झारखंड के सभी जिलों से लगभग एक हजार मामलों का चयन किया गया है, जिसमें गुमला जिले के 24 मामलों का चयन किया गया है. ये सभी मामला वर्ष 2015 से 2018 तक का है. इन सभी मामलों का निबटारा करना है.
14 डॉक्टर व 88 आइओ गवाही देने कोर्ट नहीं आ रहे हैं, जबकि जुलाई माह तक केस का निष्पादन करना है.
गवाही देने के लिए नोटिस भेजने के बाद भी डॉक्टर व आइओ कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं.

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