गुमला : स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को ओडीएफ करने के लिए बनाये जा रहे शौचालय के मामले में जिला मुख्यालय से सटा फसिया ढोढरीटोली दीया तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. ढोढरीटोली में लगभग 100 घर है, परंतु अब तक इन घरों में शौचालय नहीं बना है. यहां तक की शौचालय के लिए लाभुक के रूप में नाम आने की बात कह कर कुछ लोगों द्वारा प्रत्येक घर से 500-500 रुपये भी लिये गये हैं,
परंतु अब तक ढोढरीटोली के लोगों को शौचालय का लाभ नहीं मिल सका है. इस संबंध में ढोढरीटोली खुशबू महिला मंडल ने मंगलवार को उपायुक्त को आवेदन देकर ढोढरीटोली के लोगों के लिए शौचालय बनवाने की मांग की. उपायुक्त ने ढोढरीटोली के लोगों की समस्या को देखते हुए महिलाओं को नैप निदेशक से मिलने की बात कही. इसके बाद महिलाएं नैप निदेशक के पास पहुंची, जहां मुनी उरांव, सीता कुमारी, लालो उरांव, प्रमिला उरांव, बंधइन उरांव, गीता तिर्की व जीतमुनी देवी आदि महिलाओं ने बताया कि ढोढरीटोली के किसी भी परिवार को अब तक शौचालय का लाभ नहीं मिला है.
घर में शौचालय नहीं होने के कारण गांव के लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं. सबसे ज्यादा परेशानी गांव की बहू-बेटियां को है. उन्हें भी खुले में शौच जाना पड़ता है. समस्या सुनने के बाद नैप निदेशक ने महिलाओं को समाधान का आश्वासन दिया है. कहा कि जिनके घर में शौचालय नहीं है, उनके घर में शौचालय बनाया जायेगा. महिलाओं ने बताया कि शौचालय पास हुआ है, कह कर गांव के कुछ लोगों द्वारा सभी घरों से 500-500 रुपये लिये गये हैं, परंतु अब तक शौचालय नहीं बना है.