गैर सरकारी संस्थाओं को अग्रिम भुगतान नहीं करें : विधायक

गुमला : विशेष केंद्रीय सहायता योजना के अंतर्गत समेकित जनजातीय विकास अभिकरण के माध्यम से संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक शुक्रवार को विकास भवन सभागार में हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त शशि रंजन ने की. बैठक में विधायक शिवशंकर उरांव ने परियोजना के तहत पूर्व से संचालित प्रोटोटाइप योजना, वनबंधु कल्याण योजना तथा वाड़ी योजना के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2018 2:27 AM
गुमला : विशेष केंद्रीय सहायता योजना के अंतर्गत समेकित जनजातीय विकास अभिकरण के माध्यम से संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक शुक्रवार को विकास भवन सभागार में हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त शशि रंजन ने की. बैठक में विधायक शिवशंकर उरांव ने परियोजना के तहत पूर्व से संचालित प्रोटोटाइप योजना, वनबंधु कल्याण योजना तथा वाड़ी योजना के तहत गैर सरकारी संस्थाओं के धीमे कार्यों के कारण वर्षों से योजना के लंबित रहने पर नाराजगी प्रकट की.
साथ ही गैर सरकारी संस्थाओं के कार्यों पर निगरानी रखने के लिए ठोस कार्य योजना पर कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में इन संस्थाओं को अग्रिम का भुगतान न करें और उपयोगिता प्रमाण-पत्र सुनिश्चित करायें. वहीं बागवानी मिशन के तहत लाभुकों को कुआं, माइक्रो स्प्रींकल तथा बाड़बंदी योजना दिये जाने के लिए पहल करने को कहा और एनजीओ की लंबित योजनाओं को समयावधि में पूर्ण करने का निर्देश दिया.
वहीं उपायुक्त ने किसानों की आय वृद्धि के लिए नकदी फसलों को प्राथमिकता देने का निर्देश देते हुए कहा कि योजना के चयन में इस बात का ध्यान रखा जाये कि जहां सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है, वहां नकदी फसलों की खेती करायी जाये. कौशल विकास योजना से हुनरमंद बनाने के लिए नर्सिंग कोचिंग कार्य में एनजीओ के कार्यों के आधार पर ही आगे काम दिया जाये, अन्यथा उनको काली सूची में डालने संबंधी कार्रवाई करें. वहीं अपूर्ण बिरसा आवासों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि योजना के लाभुकों को पैसा उपलब्ध करा दिया गया है.
इसलिए जल्द से जल्द योजना को पूरा करायें. उपायुक्त ने यह भी कहा कि डेयरी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, लाह प्रशिक्षण, मुर्गीपालन, बकरीपालन, बागवानी, जलसंचयन, मधुमक्खी पालन आदि प्रशिक्षण के नाम पर मात्र प्रशिक्षण दे देने भर से उद्देश्यों की पूर्ति नहीं होगी. उनको स्वरोजगार से जोड़ कर उद्यम स्थापित करना, उनके लिए बाजार की व्यवस्था कर आत्मनिर्भर बनाने की कार्ययोजना पर भी अमल हो. यह काम जुड़े हुए संस्थाओं को करना होगा.

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