मैट्रिक में फर्स्‍ट डिविजन से पास छात्रा के पास इंटर में नामांकन के लिए नहीं थे पैसे, आर्थिक तंगी में की आत्महत्या

दुर्जय पासवान@गुमला जिले के डुमरी ब्लॉक की 17 वर्षीय छात्रा नरगिस परवीन के पास मैट्रिक में फर्स्ट करने के बाद इंटर में नामांकन के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उसने आत्महत्या कर ली. क्योंकि नरगिस के पिता का निधन बचपन में ही हो गया था. किसी प्रकार वह मैट्रिक की परीक्षा इस वर्ष पास की. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2018 9:23 PM

दुर्जय पासवान@गुमला

जिले के डुमरी ब्लॉक की 17 वर्षीय छात्रा नरगिस परवीन के पास मैट्रिक में फर्स्ट करने के बाद इंटर में नामांकन के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उसने आत्महत्या कर ली. क्योंकि नरगिस के पिता का निधन बचपन में ही हो गया था. किसी प्रकार वह मैट्रिक की परीक्षा इस वर्ष पास की. वह इंटर में पढ़ना चाहती थी. लेकिन नामांकन के लिए पैसे नहीं मिली तो उसने अपनी जान दे दी.

दादी बुधनी ने कहा कि मेरी पोती मैट्रिक की परीक्षा दी थी और 331 अंको के साथ प्रथम श्रेणी से पास की थी. घर परिवार की हालत अच्छी नहीं है. छात्रा आगे की पढ़ाई करना चाह रही थी. उसने कई लोगों से भी सहायता की गुहार लगायी. कुछ लोगों ने आर्थिक मदद का भरोसा भी एक दिन पहले दिया था. छात्रा के पिता – जूल्फेकार खान उर्फ मुनू खान की मौत करीब 16 वर्ष पूर्व हो गयी थी.

घर पर दादी बुधनी, छात्रा की मां सलमा और चाचा बबलू मियां रहते थे. घटना वाले दिन छात्रा की मां अपने मायके चैनपुर प्रखंड के जमगाई गांव में थी. इधर आत्महत्या की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. डुमरी पुलिस के मुताबिक भी आत्महत्या के पीछे परिवार की आर्थिक तंगी बतायी गयी है. हालांकि थाना प्रभारी प्रभात कुमार ने कहा कि और भी कारण हो सकता जो कि जांच और अनुसंधान के बाद ही चल पायेगा.

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