नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी को 12 साल और आरोपी की मां को 7 साल की सजा

दुर्जय पासवान@गुमला एडीजे-वन की अदालत ने गुरुवार को 15 वर्षीय दलित (अनुसूचित जाति) नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी घाघरा प्रखंड निवासी शिवशंकर साहू को 12 वर्ष की सजा सुनायी है. वहीं आरोपी की मां पुष्पा देवी द्वारा नाबालिक का गर्भपात कराने के मामले में मां को सात साल की सजा सुनायी गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2018 7:16 PM

दुर्जय पासवान@गुमला

एडीजे-वन की अदालत ने गुरुवार को 15 वर्षीय दलित (अनुसूचित जाति) नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी घाघरा प्रखंड निवासी शिवशंकर साहू को 12 वर्ष की सजा सुनायी है. वहीं आरोपी की मां पुष्पा देवी द्वारा नाबालिक का गर्भपात कराने के मामले में मां को सात साल की सजा सुनायी गयी है.

दुष्कर्म के आरोपी शिवशंकर साहू को धारा 376 के तहत 12 साल की सजा व 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा, धारा 313 के तहत सात साल की सजा व 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है.

धारा 120बी के तहत सात साल की सजा व 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. एससी/एसटी एक्ट के तहत तीन साल की सजा व पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इस मामले में पीड़िता का जबरन गर्भपात कराने के मामले में आरोपी शिवशंकर साहू की मां पुष्पा देवी को धारा 313 के तहत सात साल की सजा व दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा सुनायी गयी है.

प्राप्त जुर्माना की राशि पीड़िता को दी जायेगी. जानकारी के अनुसार घटना वर्ष 2007 की है. उस समय पीड़िता की उम्र 15 साल थी. घाघरा गांव के ही आरोपी शिवशंकर साहू के साथ दो-तीन वर्ष से पीड़िता का प्रेम प्रसंग चल रहा था. उस समय आरोपी शिवशंकर पीड़िता से अक्सर शादी करने की बात कह कर यौण शोषण करता था. आरोपी कभी अपने घर तो कभी पहाड़ पर ले जाकर यौण शोषण किया था. जिससे पीड़िता गर्भवती हो गयी.

इसकी जानकारी पीड़िता ने आरोपी शिवशंकर व उसकी मां पुष्पा देवी को दी. इसके बाद आरोपी शिवशंकर ने पीड़िता पर गर्भपात कराने का दबाव बनाया. जिस दौरान आरोपी की मां पुष्पा देवी ने पीड़िता को गुमला लाकर एक निजी अस्पताल में उसका गर्भपात कराया. इस संबंध में पीड़िता ने उपरोक्त लोगों के खिलाफ घाघरा थाने में मामला दर्ज कराया था. इस केस को सरकारी पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मीनी लकड़ा देख रही है. इस केस में पीड़िता को पुनर्वास के लिए धारा 357 ए (2) के तहत तीन लाख रुपये प्रतिकर देने की अनुशंसा की गयी है.

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