शव को अस्पताल गेट के पास छोड़कर भागा एंबुलेंस चालक

गुमला : मृत व्यवसायी का शव सदर अस्पताल के सामने छोड़ कर एंबुलेंस चालक भाग गया. यह घटना रविवार की देर रात की है. इतना ही नहीं, चालक ने इसकी सूचना परिजनों को भी नहीं दी. सोमवार की सुबह जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो शव अस्पताल में पड़ा मिला. अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2018 8:54 AM
गुमला : मृत व्यवसायी का शव सदर अस्पताल के सामने छोड़ कर एंबुलेंस चालक भाग गया. यह घटना रविवार की देर रात की है. इतना ही नहीं, चालक ने इसकी सूचना परिजनों को भी नहीं दी. सोमवार की सुबह जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो शव अस्पताल में पड़ा मिला. अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि सुबह में गेट के पास रखे शव पर नजर पड़ी. फिर उसे उठा कर अस्पताल में रखा गया. रातभर शव गेट के पास ही पड़ा रहा. बताया जाता है कि चालक ने शराब पी रखी थी.
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के विनडमगंज निवासी व्यवसायी अमरेश गुप्ता का ससुराल चैनपुर में है. दो माह से बीमार अमरेश का इलाज उनके ससुराल चैनपुर में चल रहा था. रविवार को उनकी तबीयत खराब हो गयी. परिजन शाम चार बजे उन्हें गुमला अस्पताल में भर्ती कराये . शाम छह बजे उनकी मौत हो गयी. मृतक के रिश्तेदार नीरज मौर्य ने एंबुलेंस चालक से शव चैनपुर पहुंचाने को कहा.
चालक ने 5100 रुपये भाड़ा लिया और शव चैनपुर पहुंचा दिया. वहां पहुंचने पर एंबुलेंस चालक से शव विनडमगंज पहुंचाने का आग्रह किया गया. इसके एवज में चालक ने 11 हजार रुपये की मांग की. परिजन मान गये और एडवांस में उसे पांच हजार रुपये दिये. इसके बाद देर शाम परिजन शव को लेकर विनडमगंज जाने लगे. परिजन अपनी गाड़ी पर थे.
जबकि शव के साथ एंबुलेंस में मृतक का साला मनोरंजन था. लोहरदगा पहुंचने पर चालक का संतुलन खोने लगा. इस पर मनोरंजन ने चालक से कहा कि कुछ देर आराम कर लो, फिर चलेंगे. जैसे ही मनोरंजन एंबुलेंस से उतरा, चालक वहां से भाग गया और शव को गुमला अस्पताल के गेट के पास आधी रात को छोड़कर भाग गया.
शव खोजते गुमला पहुंचे
नीरज मौर्य ने बताया कि मनोरंजन दूसरी गाड़ी की व्यवस्था कर घर पहुंचा. अन्य रिश्तेदार भी गांव पहुंच गये थे. तभी विनडमगंज से फोन आया कि अभी तक शव नहीं पहुंचा है. इस सूचना पर ससुराल के लोग चैनपुर से गुमला पहुंचे और अस्पताल में शव को खोजने लगे. तभी कर्मचारियों ने बताया कि शव गेट के पास पड़ा हुआ था, जिसे उठा कर अंदर रखा गया है.
सोमवार की सुबह शव को गांव ले जाया गया.
जिस एंबुलेंस में शव ले जाया जा रहा था. वह अस्पताल का नहीं है. किसी सामाजिक संस्था की एंबुलेंस बतायी जा रही है. इसलिए हमलोग कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. संस्था ही कार्रवाई कर सकती है.
डॉ आरएन यादव, डीएस, गुमला
15 दिनों से मारवाड़ी युवा मंच की एंबुलेंस खराब है. जिस चालक अनवर की बात हो रही है. वह 25 सितंबर को काम छोड़ चुका है. वह अपनी गाड़ी चला रहा है.
अमित माहेश्वरी, पूर्व अध्यक्ष, मारवाड़ी युवा मंच, गुमला

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