वाहनों का परिचालन ठप रहा, बंद रही दुकानें
गुमला : एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ व आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर आहूत भारत बंद का मंगलवार को गुमला जिले में भी असर देखा गया. गुमला शहर की सभी दुकानें बंद रही. यात्री बसों का परिचालन ठप रहा. हालांकि दो बजे के बाद कुछ बसे गुमला से रांची के लिए रवाना हुई. […]
गुमला : एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ व आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर आहूत भारत बंद का मंगलवार को गुमला जिले में भी असर देखा गया. गुमला शहर की सभी दुकानें बंद रही. यात्री बसों का परिचालन ठप रहा. हालांकि दो बजे के बाद कुछ बसे गुमला से रांची के लिए रवाना हुई. बंद से पूरी तरह व्यवसाय प्रभावित हुआ है.
बंद समर्थक सड़क पर उतरे और बंद को सफल बनाया. गुमला शहर के साप्ताहिक बाजार को लगने नहीं दिया. मुख्य सड़कों पर कई स्थानों पर टायर जला कर सड़क जाम रखा. वाहनों का परिचालन ठप कराया. गुमला शहर के टावर चौक के पास सदान वर्ग के लोग सड़क पर दरी बिछा कर बैठ गये, लेकिन पुलिस के पहुंचते ही वे लोग वहां से चले गये. बाद में पुलिस ने टावर चौक के समीप से वाहनों का परिचालन शुरू कराया. इसके बाद पुलिस की टीम पटेल चौक पहुंची और वहां से भी जाम को हटाया गया.
इधर, गुमला में करीब 100 सदान वर्ग बाइक से निकले और घूम-घूम कर दुकानें बंद करायी. कुछ दुकानें खुली थी, उन दुकानों को भी बंद कराया गया. बंद के दौरान कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. रायडीह प्रखंड में कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने सड़क जाम रखा. यहां बंद कराने में अधिकतर भाजपा के नेता थे, जो अपने ही सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. रायडीह प्रखंड में भी बंद असरदार रहा. घाघरा प्रखंड में भी दुकानें नहीं खुली और वाहनों का परिचालन ठप रहा.
इसके अलावा पालकोट प्रखंड के अंबेराडीह के पास टायर जला कर सड़क जाम रखा गया. सड़क जाम कराने में सिकंदर सिंह, सागर सिंह, महेश सिंह, भवानी बाबा, पलटन सिंह, दुबराज सिंह, सुकरू शुक्ला, विजय सिंह, बबलू सिंह, मारवाड़ी सिंह, सुमन सिंह, सत्येंद्र सिंह, आनंद सिंह, प्रकाश सिंह व भोला सिंह सहित कई लोग थे. इसके अलावा सिसई, भरनो, कामडारा, बसिया, बिशुनपुर व चैनपुर प्रखंड में भी बंद का असरा देखा गया. इधर, बंद को लेकर गुमला पुलिस हर जगह मुस्तैद थी. जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात था.
बंद पूरी तरह सफल रहा है : सूर्यदेव सिंह
बंद को सफल बनाने के लिए बनी सदानों की कमेटी के संयोजक सूर्यदेव सिंह व प्रवक्ता शशिप्रिय बंटी ने कहा है कि गुमला जिले में बंद अभूतपूर्व रहा है. पहली बार सदानों ने बंद बुलाया, जिसका असर पूरे 12 प्रखंडों में देखने को मिला. इसके लिए तमाम गुमला जिले की जनता बधाई के पात्र हैं. सूर्यदेव सिंह ने कहा है कि बंद पूरी तरह सफल रहा है. एक भी दुकान नहीं खुली और न ही वाहन चले.
बंद का असर, 50 लाख का व्यवसाय प्रभावित
गुमला. एसटी-एससी एक्ट में संशोधन के विरोध में सदान वर्गों का आहूत बंद का असर मंगलवार को शहर के साप्ताहिक हाट में देखने को मिला. शहर में प्रत्येक सप्ताह दो दिन शनिवार को छोटा और मंगलवार को बड़ा बाजार लगता है. परंतु इस मंगलवार को बंद का बाजार पर बड़ा व्यापक असर पड़ा. बाजार में दुकान लगाने वालों और खरीदारी करने वालों की उपस्थिति नगण्य रही.
हालांकि कई दुकानदार सुबह बाजार में अपनी-अपनी दुकानें सजाने में व्यस्त हो गये थे, परंतु बंद समर्थक बाजार में पहुंच कर सदान हित में बंद को सफल बनाने का आग्रह किया. इसके बाद दुकानदार स्वत: ही अपनी-अपनी दुकान हटाने लगे. एक अनुमान के अनुसार, इस बंदी से सिर्फ साप्ताहिक हाट में लगभग 50 लाख रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ.
बंद को ऐतिहासिक बनाने के लिए दी बधाई
गुमला. एसटी-एससी एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर सदानों के भारत बंद की सफलता को लेकर सदान मोर्चा कार्यकारिणी समिति की बैठक पालकोट रोड स्थित सुरेश प्रसाद के निवास में हुई. इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मनोज वर्मा ने की. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने अब तक सदानों को छलने का काम किया है. किसी भी राजनैतिक पार्टी के एजेंडे में सदानहित की बात नहीं है. सदानों को अपने वोट की ताकत का इस्तेमाल करके अपने अधिकार के लिए आगे आना चाहिए.
वक्ताओं ने बंद को ऐतिहासिक बनाने में सहयोग करने वालों को बधाई दी. मौके पर केंद्रीय सचिव अजीत कुमार विश्वकर्मा ने कोलेबिरा उप चुनाव में प्रत्याशी श्याम सुंदर बड़ाक को खड़ा करने की घोषणा की, जिसका स्वागत सदस्यों ने किया. बैठक के अंत में अधिवक्ता शिशिर कुमार के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया. मौके पर सुरेश प्रसाद, रमेश यादव, चंद्रनाथ प्रसाद, जय जगन्नाथ साहू, मनोहर वर्मा, नितिन रंजन, जीतवाहन साहू, विजय पाठक, जितेंद्र ठाकुर, अवधेश पांडेय, प्रमोद शर्मा, बबलू सिंह, सुरेंद्र ओहदार, विजय प्रजापति व अजय सिंह सहित कई सदस्य मौजूद थे.