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गुमला : किसानों ने दी चेतावनी, मुआवजा नहीं मिला तो कर लेंगे आत्महत्या

जगरनाथ, गुमला घाघरा प्रखंड अंतर्गत इटकिरी गांव के किसान पिछले तीन साल से फसल क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर कभी प्रखंड मुख्यालय तो कभी जिला मुख्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं. वर्ष 2015 में किसानों ने अपने-अपने खेतों में धान, मड़ुआ, कुरथी, आलू, टमाटर, मिर्चा, अरहर आदि फसलों की खेती की थी. परंतु ओलावृष्टि […]

जगरनाथ, गुमला

घाघरा प्रखंड अंतर्गत इटकिरी गांव के किसान पिछले तीन साल से फसल क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर कभी प्रखंड मुख्यालय तो कभी जिला मुख्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं. वर्ष 2015 में किसानों ने अपने-अपने खेतों में धान, मड़ुआ, कुरथी, आलू, टमाटर, मिर्चा, अरहर आदि फसलों की खेती की थी. परंतु ओलावृष्टि ने किसानों के फसलों को बरबाद कर दिया. फसल बरबाद होने से किसान चिंतित हो उठे. किसानों ने अपनी समस्या प्रशासन के समक्ष रखी.

परंतु तीन साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी अब तक किसानों को उनके बरबाद फसलों का मुआवजा नहीं मिल सका है. वहीं किसान इस साल भी सूखे की मार झेल रहे हैं. किसानों ने एक बार फिर से प्रदेश महिला कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष बॉबी भगत के नेतृत्व में अपनी समस्या को मंगलवार को उपविकास आयुक्त के समक्ष रखा.

कमल उरांव, दशरथ उरांव, हरी उरांव, रामवृक्ष उरांव, सुखराम उरांव, कार्तिक उरांव, लच्छु उरांव, जगरनाथ उरांव, मंगल उरांव, मांती देवी, सुनील उरांव, विमला देवी, रामसु उरांव, सोमा उरांव, रामोतार उरांव, पतिराम उरांव, तेंबा उरांव, निलिमा देवी, माती देवी, जतरी देवी, चिमो देवी, बिसीनात देवी आदि किसानों ने बताया कि 29 अक्टूबर 2015 में हुए ओलावृष्टि में सारा फसल बरबाद हो गया था. उस समय तत्कालीन सीओ समीर कच्छप ने बरबाद फसलों का अवलोकन करने के बाद अंचल कार्यालय में सभी किसानों से आवेदन जमा कराया था.

परंतु अब तक मुआवजा नहीं मिला है. अंचल स्तर पर काम नहीं होने पर गुमला में उपायुक्त को भी आवेदन दिया गया. परंतु उनके स्तर पर भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई. इस साल भी सूखे की मार झेल रहे हैं. धान में बाली आने से पहले ही सारा का सारा फसल सूख गया. परंतु अब तक सरकार या प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं दिया गया है. घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं है. यही स्थिति रही तो हम सभी आत्महत्या कर लेंगे.

भाजपा के शासन में किसान कर रहे आत्महत्या : बॉबी भगत

प्रदेश महिला कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष बॉबी भगत ने कहा कि भाजपा सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताती है. परंतु भाजपा सरकार के कार्यकाल में देश की रीढ़ माने जाने वाले किसान आत्महत्या करने को विवश हैं. जो किसानों के प्रति सरकार की कार्यप्रणाली और प्रशासन के उदासीन कार्यप्रणाली को दर्शाता है.

उपविकास आयुक्त ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया

उपविकास आयुक्त नागेंद्र कुमार सिन्हा ने किसानों की समस्या सुनने के बाद जांच कर मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि पूर्व में मामला संज्ञान में नहीं था. परंतु अब संज्ञान में आने के बाद प्राथमिकता के तौर पर समस्या का समाधान करेंगे.

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