गुमला : बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहा पिता

सुनील रवि, भरनो (गुमला) भरनो प्रखंड के रायकेरा गांव के सिद्दिक अंसारी अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहा है. लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिला. जानकारी के अनुसार रायकेरा गांव निवासी सिद्दिक अंसारी ने अपनी बेटी जरीना का विवाह 2004 में लोहरदगा जिला के चैरमा गांव निवासी महबूब अंसारी से मुस्लिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2018 9:30 PM

सुनील रवि, भरनो (गुमला)

भरनो प्रखंड के रायकेरा गांव के सिद्दिक अंसारी अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहा है. लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिला. जानकारी के अनुसार रायकेरा गांव निवासी सिद्दिक अंसारी ने अपनी बेटी जरीना का विवाह 2004 में लोहरदगा जिला के चैरमा गांव निवासी महबूब अंसारी से मुस्लिम रीति-रिवाज से किया था.

इधर, शादी के कुछ माह बाद जरीना को उसका पति दहेज व बाइक की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगा. आये दिन उसके साथ मारपीट करने लगा. इस मामले को लेकर कई बार पंचायत भी हुई. तब उसका पति माफी मांगकर उसे अपने साथ घर ले गया था. परंतु यह सिलसिला चलता रहा. तब तंग आकर जरीना ने अपने पिता के घर रायकेरा वापस आ गयी.

वर्ष 2012 में फैमिली कोर्ट में अपने पति के विरूद्ध केस दर्ज करायी. अपने दो बच्चों के लिए गुजारा भत्ता की मांग रखी. फैमिली कोर्ट के द्वारा 18 दिसंबर को जजमेंट दिया गया. कोर्ट के द्वारा जरीना के पति महबूब को आदेश मिला कि वह अपनी पत्नी व बच्चे के गुजारा के लिए प्रतिमाह चार हजार रुपये देगा.

कोर्ट के आदेश के बावजूद पति ने आज तक जरीना को फूटी कौड़ी भी नहीं दी. कोर्ट ने उसे कई बार नोटिस भेजा. परंतु उसके पति को कोई फर्क नहीं पड़ा. उसका पति दूसरी शादी कर चुका है. जरीना के दो बेटे हैं. एक आठ साल व दूसरा छह साल का है. पिता सिद्दिक अंसारी गरीब किसान है. वृद्ध होने के कारण खेतीबारी कर उनका भरण पोषण कर रहा है. वह न्याय दिलाने के लिए अपनी बेटी के साथ कई प्रबुद्ध लोगों के पास जाता रहा है.

सिद्दिक व उसकी बेटी शिक्षित नहीं होने के कारण दुखमय जीवन जीने को मजबूर हैं. सिद्दिक किसी तरह बच्चों के लिए खाना जुटा पाता है. वह उसके नाती पोता के तन पर फटे कपड़े देखकर आंसू बहाता है. गर्म कपड़े खरीदना उसके लिए बड़ी बात है. सिद्दिक को अपनी बेटी की मदद के लिए किसी फरिस्ते का इंतजार है.

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