गुमला : दोस्तों के साथ गया था पिकनिक मनाने, अपराधियों ने कर दी हत्या

।। दुर्जय पासवान ।। गुमला : घाघरा थाना क्षेत्र के कोटामाटी निवासी सीताराम उरांव की बीती रात अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी. बुधवार की सुबह में सीताराम का शव थाना क्षेत्र के पांडेडांड़ से बरामद हुआ है. मृतक के शरीर पर धारदार हथियार से वार करने के निशान है. वहीं घटनास्थल से कुछ दूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2018 7:09 PM

।। दुर्जय पासवान ।।

गुमला : घाघरा थाना क्षेत्र के कोटामाटी निवासी सीताराम उरांव की बीती रात अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी. बुधवार की सुबह में सीताराम का शव थाना क्षेत्र के पांडेडांड़ से बरामद हुआ है.
मृतक के शरीर पर धारदार हथियार से वार करने के निशान है. वहीं घटनास्थल से कुछ दूर पर खलिहान में खून के धब्बे भी मिले. जो धूल-मिट्टी से ढका हुआ था. जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि खलिहान में हत्या करने के बाद शव को कुछ दूर में फेंक दिया गया हो. हत्याकांड को लेकर घाघरा पुलिस ने गांव के कुछ युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.

बताया जा रहा है कि मंगलवार को दिनभर मजदूरी करने के बाद वह शाम में अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गांव के नदी की ओर गया था. इसके बाद बुधवार की सुबह में उसका शव मिला. मृतक की मां भाको देवी ने बताया कि वह मंगलवार की सुबह लगभग 10 बजे घर से निकला था. इसके बाद वह अपने दोस्तों के साथ दिनभर धान ढोया और शाम में पिकनिक मनाने के लिए नदी की ओर चला गया.

रात में वह घर नहीं लौटा. पासपड़ोस के लोगों से पता करने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला. सुबह में गांव के लोगों ने बताया कि सीताराम का शव पांड़ेडांड़ में पड़ा हुआ है. मां ने यह भी बताया कि कुछ दिन पूर्व गांव के ही कुछ लोगों ने सीताराम के साथ मारपीट किया था.

वहीं घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. थानेदार उपेंद्र कुमार महतो ने बताया कि पूछताछ के लिए कुछ युवकों को हिरासत में लिये हैं. जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा.

* रेलवे की नौकरी छोड़ गांव में करता था मजदूरी

सीताराम टाटा में रेलवे ग्रुप डी में काम करता था और अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ वहीं रहता था. मृतक की मां ने बताया कि इधर, लगभग दो साल पहले वह काम छोड़कर गांव आ गया और गांव में रहकर मजदूरी करता था. उसकी पत्नी व दोनों बच्चे टाटा में ही रहते हैं. लगभग दो माह पूर्व उसकी पत्नी गांव आयी थी और सीताराम को दोबारा टाटा ले गयी थी. परंतु सीताराम टाटा जाने के बाद फिर गांव लौट आया.

Next Article

Exit mobile version