पहाड़ों की मल्लिका नेतरहाट छोटानागपुर का स्वर्ग है
गुमला : छोटानागपुर का स्वर्ग कही जाने वाली पहाड़ों की मल्लिका नेतरहाट झारखंड राज्य में स्थित एक पहाड़ी पर्यटन स्थल है. यह गुमला व लातेहार जिला के सीमावर्ती पर स्थित है. राज्य की राजधानी रांची से यह करीब 150 किमी की दूरी पर स्थित है. रांची से यहां जा रहे हैं, तो गुमला के बिशुनपुर […]
गुमला : छोटानागपुर का स्वर्ग कही जाने वाली पहाड़ों की मल्लिका नेतरहाट झारखंड राज्य में स्थित एक पहाड़ी पर्यटन स्थल है. यह गुमला व लातेहार जिला के सीमावर्ती पर स्थित है. राज्य की राजधानी रांची से यह करीब 150 किमी की दूरी पर स्थित है. रांची से यहां जा रहे हैं, तो गुमला के बिशुनपुर प्रखंड से सुगम रास्ता है. बिशुनपुर से नेतरहाट की दूरी 30 किमी है. नेतरहाट की घाटी 20 किमी लंबी है.
रांची से नेतरहाट जाने का गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड से एक शॉर्टकट रास्ता है. अगर नववर्ष में नेतरहाट जा रहे हैं, तो रास्ते में देखने के लिए एक प्राचीन धार्मिक, ऐतिहासिक स्थल है. कई खूबसूरत जगह भी है. रास्ते में आप देवाकीधाम, पांच पांडव व जतरा टाना भगत की जन्म स्थली के अलावा नेतरहाट की सुंदर घाटी देख सकते हैं. प्रकृति ने इसे बहुत ही खूबसूरती से संवारा है.
यहां पर लोग सूर्योदय व सूर्यास्त देखने आते हैं. यह नजारा नेतरहाट से करीब 10 किमी की दूरी पर आकर्षक ढंग से देखा जा सकता है. इसके अलावा यहां घाघरी एवं लोअर घाघरी नमक दो छोटे-छोटे जलप्रपात भी हैं, जो प्रसिद्ध स्थल हैं. यहां प्रसिद्ध नेतरहाट विद्यालय देख सकते हैं. इस विद्यालय की स्थापना नवंबर 1954 में हुई थी.
राज्य सरकार द्वारा स्थापित और गुरुकुल की तर्ज पर बने इस विद्यालय में अभी भी प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर नामांकन होता है. नेतरहाट से चार किमी दूर ऊपर घाघरी झरना है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता के बीच पिकनिक मनाने का अपना अलग ही मजा है. 10 किमी की दूरी पर निचली घाघरी झरना है.
यह घने जंगलों के बीच से गुजरता है. 32 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए इस झरने को देखने से मन खुश हो जाता है. नेतरहाट में चीड़ वन के बीच एक अभ्यारण्य है. नेतरहाट का तापमान रांची की तुलना में पूरे वर्ष अच्छा रहता है. सबसे ज्यादा यहां लोग सनसेट प्वाइंट देखने आते हैं.