दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला जिले में नववर्ष का स्वागत धूम धड़ाके व आतिशबाजी के साथ हुई. गुमला डीसी शशि रंजन अपनी पत्नी के साथ शहर के प्राचीन काली मंदिर में पूजा कर गुमला जिले के विकास का संकल्प लिया. इसके बाद बाल आश्रय के बच्चों से जाकर मिले और उनसे नववर्ष की खुशियां बांटी. वहीं नये साल की खुमारी में लोगों ने नदी के किनारे, पहाड़ की कंदराओं व जंगलों के बीच पहुंचकर नववर्ष का सेलिब्रेशन किया.
लोगों ने अपने मनपसंद स्वादिष्ट पकवान बनाये और मिल बैठकर खाया. सुबह को ठंड भी थी. परंतु नववर्ष की खुशी में ठंड फीका हुआ. नागपुरी, भोजपुरी व फिल्मी गीतों के धुन पर लड़के व लड़कियां खूब नाचे. नववर्ष का पूरा माहौल खुशनुमा था.
जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल नागफेनी, पालकोट पंपापुर, बसिया के बाघमुंडा, डुमरी के टांगीनाथ धाम, घाघरा के देवाकीधाम, सिसई के डोइसागढ़, रायडीह के हीरादह, गुमला के आंजन, सारू पहाड़, बरिसा टोंगरी सहित मरदा नदी, शंख नदी, दक्षिणी कोयल नदी, लावा लदी, बासा नदी, खटवा नदी व डैम के किनारे लोगों ने पिकनिक मनाया. पिकनिक स्पॉट लोगों से गुलजार था.
इससे पहले रात 12 बजते ही नववर्ष की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया. लोगों ने सुविधा के अनुसार नववर्ष की बधाई दी. रात 12 बजे के बाद से सभी के मोबाइल व्यस्त हो गये थे. कोई मैसेज के जरिए तो कोई फोन करके हैप्पी न्यू ईयर बोल रहे थे. सबसे ज्यादा व्हाट्सअप के माध्यम से नववर्ष की बधाई दी गयी.
12 बजते ही आतिशबाजी शुरू हो गयी
गुमला शहर में सोमवार की रात घड़ी की सूई जैसे ही 12 बजे कुछ पलों के लिए अटकी कि आतिशबाजी शुरू हो गयी. आकाश में रंग बिरेंगे पटाखे लोगों को खूब लुभा रहे थे. कई लोगों ने केक काटकर नववर्ष का स्वागत किया. इसके बाद सोमवार की सुबह में नित्यक्रम के बाद सर्वप्रथम लोगों ने पूजा पाठ की. सुबह से ही मंदिर व गिरजाघरों में घंटी बजने लगी. मस्जिद में आजान हुए. गुरुद्वारे में सिखों ने वाहेगुरु के समक्ष बैठ प्रार्थना की.
गुमला के लोगों ने अपने अपने धर्म के अनुसार ईश्वर से नववर्ष सुखमय होने की कामना की. दिन के 10 बजे के बाद से गुमला के विभिन्न पिकनिक स्पॉट पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी, जो देर शाम तक देखी गयी.