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मानव तस्कर ने पार्क घुमाने के बहाने तीन किशोरों को दिल्ली ले जाकर बेचा

।। दुर्जय पासवान ।। गुमला : गुमला प्रखंड के फोरी गांव के तीन दोस्तों को मानव तस्कर ने दिल्ली ले जाकर बेच दिया है. दिल्ली के जिस ऑफिस में तीनों किशोरों को बेचा गया था. वहां से उन किशोरों को पुन: हिमाचल प्रदेश के तीन अलग-अलग स्थानों पर काम करने के लिए बेच दिया गया […]

।। दुर्जय पासवान ।।

गुमला : गुमला प्रखंड के फोरी गांव के तीन दोस्तों को मानव तस्कर ने दिल्ली ले जाकर बेच दिया है. दिल्ली के जिस ऑफिस में तीनों किशोरों को बेचा गया था. वहां से उन किशोरों को पुन: हिमाचल प्रदेश के तीन अलग-अलग स्थानों पर काम करने के लिए बेच दिया गया है.
परिजनों के अनुसार सिसई प्रखंड के मानव तस्कर बलि लोहरा तीनों किशोरों को पार्क घुमाने के बहाने दिल्ली ले गया है. इसके बाद एक ऑफिस में बेचकर वहां से वापस सिसई आ गया. अभी तीनों किशोर अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए है. इन लोगों को 15 जनवरी को दिल्ली ले जाया गया. 20 दिन से तीनों फंसे हुए है.

जहां काम पर रखा गया है. वहां उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. तीनों कई बार भागने का प्रयास किये. परंतु सफलता नहीं मिली तो परिजनों को फोन कर हिमाचल प्रदेश में फंसे होने की सूचना दी है. तीनों किशोरों के फोन के बाद परिजन परेशान हैं. बुधवार को परिजन सीडब्ल्यूसी गुमला पहुंचे और तीनों बच्चों को हिमाचल प्रदेश से मुक्त कराने की मांग की है. मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडब्ल्यूसी ने चाइल्ड लाइन के माध्यम से तीनों बच्चों के अपहरण कर दिल्ली ले जाकर बेचने की प्राथमिकी गुमला आहतू थाना में दर्ज कराने का निर्देश दिया है.

* बिलासपुर सीडब्ल्यूसी से किया संपर्क

तीन किशोरों के दिल्ली में बेचने की शिकायत गुमला सीडब्ल्यूसी में आने के बाद के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय भगत ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के सीडब्ल्यूसी पदाधिकारी से फोन पर बात की. साथ ही गुमला के तीन बच्चों को ले जाकर बेचने की सूचना देते हुए पूरी जानकारी दी. सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय भगत ने कहा कि बच्चों को खोजने के लिए बिलासपुर सीडब्ल्यूसी से भी सहयोग लिया जा रहा है. जिस स्थान पर बच्चे फंसे हुए है. वहां से उन बच्चों को जल्द मुक्त करा लिया जायेगा. सबसे पहले गुमला आहतू थाने में प्राथमिकी दर्ज होगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

* इस प्रकार तीनों बच्चे बेचे गये

परिजनों ने बताया कि फोरी गांव के वीरेंद्र बड़ाइक (17 वर्ष), भवानी लोहरा (17 वर्ष) व छवि लोहरा (15 वर्ष) को सिसई प्रखंड की गुंजैर देवी फोन कर अपने पास बुलायी. चूंकि गुंजैर अक्सर फोरी गांव मेहमानी आते रहती थी. आने-जाने में तीनों बच्चों से उसका संपर्क हो गया. रथयात्रा का जतरा घूमने के लिए तीनों बच्चों को सिसई प्रखंड के अमकुली गांव बुलाया गया. इसके बाद गुंजैर का पति बलि लोहरा तीनों बच्चों को 15 जनवरी को दिल्ली ले गया. जहां तीनों बच्चों को एक प्लेसमेंट एजेंसी में बेचने के बाद बलि वापस गुमला आ गया.

* तस्‍कर ने परिजनों को धमकाया, कहा, मेरे पास बच्चों को दिल्ली ले जाने का लाइसेंस है

वीरेंद्र की मां मानवेत देवी, भवानी की मां सुनीता देवी व छवि की मां सोमारी देवी बुधवार को सीडब्ल्यूसी गुमला कार्यालय आये थे. जहां उन लोगों ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को अपने तीनों बच्चों को दिल्ली में ले जाकर बेचने की जानकारी दी गयी. परिजनों ने बताया कि हमलोग गरीब हैं. किसी प्रकार जीविका चलाते हैं. तीनों बच्चों ने अलग-अलग स्थानों से फोन किया था. वहां अलग-अलग तरह के काम सुबह से शाम तक कराने की जानकारी दी.

बच्चे वापस गुमला आना चाहते हैं. ताकि वे पढ़ाई कर सके. इस संबंध में मानव तस्कर गुंजैर से फोन पर बात कर बच्चों को वापस लाने के लिए कहा तो गुंजैर ने उलटे परिजनों को धमकी दिया कि जहां जाना है जाकर शिकायत करो. हमलोगों के पास बच्चों को दिल्ली ले जाने का लाइसेंस है.

* तीनों बच्चे पढ़ने वाले छात्र हैं : सीडब्ल्यूसी

सीडब्ल्यूसी की सदस्य कृपा खेस ने कहा कि तीनों बच्चे पढ़ाई करने वाले छात्र हैं. परिजनों द्वारा जो जानकारी दी गयी है. उसे अनुसार दो छात्र मैट्रिक व एक छात्र नौवीं कक्षा में पढ़ता है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आहतू थाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई की जायेगी.

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