जगरनाथ, गुमला
गुमला के घोर उग्रवाद प्रभावित लट्ठाटोली गांव की रहने वाली नाबालिग अलिशा कुजूर ने बालिका वधू बनने से इंकार कर दिया है. अलिशा की उम्र 13 साल है. अलिशा के पिता मांझी कुजूर व मां दीनू देवी ने चैनपुर थाना अंतर्गत कोलदा गांव के रहने वाले पंडा खेस के पुत्र जतरू खेस से उसकी शादी तय की थी. तय तिथि के अनुसार 15 फरवरी को अलिशा व जतरू की शादी होने वाली थी.
परंतु इससे पहले मामला बाल संरक्षण आयोग के पास पहुंच गया और मामले में तत्परता दिखाते हुए सदर प्रखंड बीडीओ सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी संध्या मुंडू ने अलिशा को बालिका वधु बनने से बचा लिया. मामला गुरूवार को सुबह में ही बाल संरक्षण आयोग के समक्ष पहुंचा था. आयोग ने इसकी सूचना सीडब्ल्यूसी (बाल संरक्षण समिति) गुमला को दी.
सूचना मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष शंभु सिंह ने सदर बीडीओ सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी संध्या मुंडु को मामले की जानकारी दी. मामले पर तत्परता दिखाते हुए बीडीओ भी जांच में लट्ठाटोली पहुंची. जहां बीडीओ ने अलिशा के माता-पिता से बात की और बालविवाह के दुष्परिणाम की जानकारी देते हुए अलिशा की शादी 18 साल के बाद करने की सलाह दी.
सलाह नहीं मानने पर बालविवाह अधिनियम के बारे में भी जानकारी दी और बेटी की पहले पढ़ाई फिर शादी के बाद विदाई करने के लिए प्रेरित किया. बीडीओ की सलाह व जानकारी काम आयी और माता-पिता ने अलिशा की शादी 18 साल के बाद करने की बात कही. वहीं बीडीओ ने अलिशा की शादी 18 साल से पहले करने की स्थिति में माता-पिता पर बालविवाह अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है.
बीडीओ संध्या मुंडू ने बताया कि अलिशा अभी शादी नहीं करना चाहती है. उसके माता-पिता से बात की गयी है. उसकी शादी 18 साल के बाद होगी. अलिशा वर्ग आठवीं तक पढ़ी है. उसका नामांकन गुमला के केजीबीवी (कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय) में कराया जायेगा.