लोहरदगा सीट के लिए 17 उम्मीदवारों ने किया नामांकन, नामांकन पत्रों की जांच आज
दुर्जय पासवान, गुमला लोहरदगा संसदीय सीट से इसबार उम्मीदवारों की लंबी कतार है. अंतिम दिन 11 उम्मीदवारों ने नामांकन किया. जबकि पूर्व में छह उम्मीदवार नामांकन कर चुके थे. इस प्रकार कुल 17 उम्मीदवार हैं जो इसबार चुनाव मैदान में है. हालांकि 10 अप्रैल को सभी 17 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच है. जांच […]
दुर्जय पासवान, गुमला
लोहरदगा संसदीय सीट से इसबार उम्मीदवारों की लंबी कतार है. अंतिम दिन 11 उम्मीदवारों ने नामांकन किया. जबकि पूर्व में छह उम्मीदवार नामांकन कर चुके थे. इस प्रकार कुल 17 उम्मीदवार हैं जो इसबार चुनाव मैदान में है. हालांकि 10 अप्रैल को सभी 17 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच है. जांच में अगर किसी उम्मीदवार के नामांकन पत्र में त्रुटि पायी जाती है तो संख्या कम हो सकती है. नहीं तो 17 उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहेंगे.
नामांकन पत्रों की जांच 10 अप्रैल को गुमला उपायुक्त के न्यायालय कक्ष में दिन के 10 से 11 बजे तक होगी. ऐसे 12 अप्रैल को नाम वापसी की अंतिम तिथि तय है. नाम वापसी का समय 12 अप्रैल को दिन के तीन बजे तक है. अगर कोई नाम वापस लेता है तो उम्मीदवारों की संख्या घट सकती है. नहीं तो सभी 17 उम्मीदवार इसबार सांसद बनने के लिए चुनावी मैदान में रहेंगे.
नामांकन किये 17 उम्मीदवारों में भाजपा के सुदर्शन भगत, कांग्रेस के सुखदेव भगत, निर्दलीय इकुस धान, आनंद पॉल तिर्की, बसपा के श्रवण कुमार पन्ना, झारखंड पार्टी के देवकुमार धान, निर्दलीय सनिया उरांव, टीएमसी के दिनेश उरांव, पूर्वांचल जनता पार्टी सेक्यूलर के पंकज तिर्की, निर्दलीय रघुनाथ महली, अंबर सौरभ कुणाल, संजय उरांव, सूरज कुमार खलखो, एतवा उरांव, अजीत कुमार भगत, कलींद्र उरांव व आलोन बाखला हैं.
नेताजी के चुनाव नहीं लड़ने से ललबबुवा खुश
दो चुनावों में चकमा देने वाले नेताजी इसबार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. चर्चा खूब थी. बाजार में अटकलें भी लगायी जा रही थी. मोबाइलवा में खूब व्हाटसप-व्हाटसप हुआ. हमरे नेताजी तीसरी बार भी चुनाव लड़ेंगे. नेताजी चुनाव लड़ेंगे तो सबकी बत्ती गुल हो जायेगी. लेकिन उम्मीदें पाले नेताजी के समर्थक अब मायूस हैं.
क्योंकि नेताजी इसबार चुनाव मैदान से कोसों दूर हैं. चुनाव मैदान से नेताजी क्यों भागे. यह सवाल सभी के मन में कौंध रहा है. बहरहाल नेताजी के चुनाव नहीं लड़ने से एक पार्टी खुश है तो दूसरे पार्टी में मायूस है. इधर, चुनाव नहीं लड़ने वाले नेताजी के समर्थक कह रहे हैं, चलो इ नहीं तो उहे सही. इसलिए नेताजी के समर्थक अब ऐसे दमदार नेता को खोज रहे हैं. जिनके लिए वे चुनाव में काम कर सके.
मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन था. सबकी नजर दो चुनावों में चकमा देने वाले नेताजी पर थी. अंतिम क्षण तक लोग नेताजी को नॉमिनेशन केंद्र के इर्द-गिर्द खोजते नजर आये. परंतु हर चुनावों में पिछले दरवाजे से आकर नामांकन करने वाले नेताजी इसबार पिछले दरवाजे पर भी नजर नहीं आये. क्योंकि इसबार पिछला दरवाजा बंद था. ऐसे नेताजी के चुनाव नहीं लड़ने से उनके चाहने वाले बहुत दुखी हैं. उनके एक समर्थक ने कहा है. अपना हाल ए दुख किसे बताएं. चलिये इसबार नहीं तो अगले पांच साल बाद जरूर मैदान में आयेंगे.
कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत की परिसंपत्ति
नकद : स्वयं के पास 40 हजार, पत्नी के पास 28 हजार व आश्रित के पास 46 हजार रुपये हैं.
वाहन : सुजुकी बाइक, एंडेबर फोर्ड, सुजुकी, बोलेरो महिंद्रा, दो पीस टाटा ट्रक, इनोवा, महेंद्र कार है.
आवासीय भवन : 30 लाख रुपये का है.
जेवरात : स्वयं के पास 10 ग्राम सोना लागत 30 हजार रुपये, पत्नी के पास 150 ग्राम सोना लागत 450000 रुपये हैं.
बीमा : खुद का 2000000 रुपये, पत्नी का 1695000 रुपये आश्रितों का 10-10 लाख रुपये का एलआईसी है.
ऋण : स्वयं का 710478, पत्नी का 2983051 व आश्रित का 241500 रुपये है.
घर : लोहरदगा जिला के नदिया हिंदू हाई स्कूल के पीछे.
केस : लोहरदगा थाने में केस दर्ज है.
शिक्षा : एमए दिल्ली विश्वविद्यालय
कुल परिसंपत्ति : खुद व परिवार का मिलाकर 18 करोड़ एक लाख 15 हजार 120 रुपये है.