निनई जंगल में बचे हैं सिर्फ ठूंठ

गुमला : बसिया प्रखंड के निनई जंगल पर लकड़ी माफियाओं की नजर है. यहां से बड़े पैमाने पर जंगलों से पेड़ को काटा जा रहा है. निनई जंगल जो कुछ माह पहले हरा-भरा था. चारों तरफ पेड़ नजर आता था. आज जंगल उजड़ रहा है. कच्ची सड़क के किनारे का पूरा पेड़ काट लिया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2014 5:22 AM

गुमला : बसिया प्रखंड के निनई जंगल पर लकड़ी माफियाओं की नजर है. यहां से बड़े पैमाने पर जंगलों से पेड़ को काटा जा रहा है. निनई जंगल जो कुछ माह पहले हरा-भरा था. चारों तरफ पेड़ नजर आता था. आज जंगल उजड़ रहा है. कच्ची सड़क के किनारे का पूरा पेड़ काट लिया गया है. यहां सिर्फ ठूंठ बचा है.

ग्रामीण बताते हैं कि इधर कोई अधिकारी नहीं आते. इसलिए रात को यहां से पेड़ काट कर ले जाया जाता है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. यहां बता दें कि निनई जंगल में हाथियों का बसेरा है. छत्तीसगढ़ राज्य से भटक कर आने वाले हाथियों के झुंड इसी जंगल में आश्रय लेते हैं. बीते मार्च माह में यहां 16 हाथियों का झुंड आ कर डेरा डाले हुए था. तीन माह तक हाथी यहां रूके थे. एक हथिनी ने बच्चे को भी जन्म दिया था. अगर इस जंगल से कटते पेड़ों को नहीं रोका गया, तो जंगली जानवरों पर आफत आ सकती है.

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