रेल बजट में गुमला की उपेक्षा से आक्रोश
गुमला : रेल बजट में गुमला की उपेक्षा से लोगों में भारी रोष है. सभी लोगों ने सरकार को कोसा है. सामाजिक कार्यकर्ता विनय भूषण टोप्पो ने कहा कि इस बार के बजट से उम्मीद थी कि गुमला को विशेष लाभ मिलेगा. पुरानी मांग गुमला को रेलवे लाइन से जोड़ने का वादा पूरा होगा. इस […]
गुमला : रेल बजट में गुमला की उपेक्षा से लोगों में भारी रोष है. सभी लोगों ने सरकार को कोसा है. सामाजिक कार्यकर्ता विनय भूषण टोप्पो ने कहा कि इस बार के बजट से उम्मीद थी कि गुमला को विशेष लाभ मिलेगा. पुरानी मांग गुमला को रेलवे लाइन से जोड़ने का वादा पूरा होगा.
इस बार भी गुमला के लोग छले गये. आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉक्टर देवशरण भगत ने कहा कि गुमला की जनता की मांग को मान सम्मान नहीं मिला है. 1977 से रेलवे लाइन से गुमला को जोड़ने का जो सपना लोग देख रहे थे. मोदी सरकार में वह टूट गया. मोदी ने अच्छे दिन दिखाने का जो सब्जबाग जनता को दिखाया था. वह पहले ही बजट में फेल हो गयी. सामाजिक कार्यकर्ता अनिरुद्ध चौबे ने कहा कि मोदी सरकार जनता से यह कह कर वोट लिया कि अच्छे दिन लायेंगे, लेकिन मोदी सरकार का असली चेहरा पहले ही बजट में सामने आ गया. चुनावी सभा में मोदी ने गुमला को रेलवे लाइन से जोड़ने का वादा किया था. लेकिन वे अपना वादा भूल गये.
वार्ड पार्षद मुमताज गुड्डू ने कहा कि सरकार ने गुमला के साथ सौतेला व्यवहार किया है. जनता को एक बार फिर ठगा गया है. बजट में गुमला के लिए कुछ नहीं है. छोटानागपुरिया तेली उत्थान परिषद के अध्यक्ष मुनेश्वर साहू ने कहा कि गुमला के साथ उपेक्षा की गयी. रेल का सपना दिखा कर रेलवे लाइन से जोड़ने की घोषणा नहीं की गयी. गुमला को फिर रेलवे लाइन से जोड़ने के वंचित रखा. पूर्व वार्ड पार्षद संजय जेराल्ड बाड़ा ने कहा कि गुमला के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है. बजट से भाजपा का चेहरा सामने आ गया है.