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तीन साल बाद माओवादियों की दस्तक भाजपा नेता की हत्या से दहशत में लोग

साप्ताहिक हाट में मुर्गा बेचता था ब्रजेश साहूप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2019 1:28 AM

साप्ताहिक हाट में मुर्गा बेचता था ब्रजेश साहू

बिशुनपुर(गुमला) : बिशुनपुर के कसमार इलाके में पुलिस दबिश के बाद भाकपा माओवादी शांत हो गये थे. तीन साल पहले भाकपा माओवादियों ने इलाके में अंतिम घटना 16 सितंबर 2016 को अंजाम दिया था. उस समय भाकपा माओवादियों ने बिशुनपुर ब्लॉक के कठठोकवा के वार्ड पार्षद करमा उरांव की हत्या कर दी थी.
नक्सली दस्ता के लिए बच्चे की मांग की गयी थी. करमा ने देने से इंकार किया, तो उसे पीट-पीट कर मार डाला गया था. शव को भी गुमला लाने नहीं दिया गया था और गांव में ही जला दिया गया था.
इस घटना के बाद पुलिस के लगातार अभियान से नक्सली इलाका छोड़ दूसरे क्षेत्र में चले गये थे. लेकिन अचानक गुरुवार को नक्सलियों ने भाजपा नेता ब्रजेश साहू की हत्या कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी है. नक्सलियों ने बाजार से ब्रजेश का पहले अगवा किया. उसे मारते पीटते भीड़ के बीच से ले गये.
ब्रजेश चिल्लाता रहा, लेकिन नक्सलियों के पास हथियार देख कर कोई बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. नक्सली कुछ दूरी पर कटिया स्कूल के समीप ले जाकर ब्रजेश को गोलियों से भून दिया. इसके बाद वहां खड़े एक ट्रक को आग के हवाले कर चलते बने. बताया जा रहा है कि तीन नक्सली आये थे. हथियार लिये हुए थे.
जानकारी के अनुसार, ब्रजेश गांव में लगने वाले साप्ताहिक हाट में मुर्गा का व्यापार करता था. इसी दौरान गुरुवार को वह कटिया गांव में लगने वाले साप्ताहिक हाट में मुर्गा बेच रहा था, तभी अचानक भाकपा माओवादी का दस्ता वहां आ धमका और उसे अगवा कर अपने साथ ले गये और हत्या कर दी. पुलिस रात को शव लाने नहीं गयी.
शुक्रवार की सुबह चौकीदार से शव मंगाया गया. हालांकि बाद में गुमला एसपी अंजनी कुमार झा सहित अन्य अधिकारी बिशुनपुर पहुंच कर पूरी घटना की जानकारी ली. घटना की जानकारी मिलते ही शुक्रवार की सुबह भाजपा के भिखारी भगत एवं अशोक उरांव घटना स्थल पहुंच कर मृतक के परिजनों को आश्वासन देते हुए प्रावधान के अनुसार हर संभव सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया.

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