अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित योजनाओं का बृहत रूप से प्रचार-प्रसार करें

गुमला जिले में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा गुमला : झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खां ने शनिवार को गुमला के विकास भवन में प्रशासनिक विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में अध्यक्ष ने गुमला जिले में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा की. साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2019 5:28 AM

गुमला जिले में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा

गुमला : झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खां ने शनिवार को गुमला के विकास भवन में प्रशासनिक विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में अध्यक्ष ने गुमला जिले में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा की. साथ ही कल्याण विभाग, आपूर्ति विभाग, समाज कल्याण विभाग, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग, राजस्व, स्थापना, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, स्वास्थ्य विभाग, नगर परिषद, सहकारिता विभाग, मत्स्य विभाग, खनन विभाग, कृषि विभाग, विद्युत विभाग, कारा, परिवहन एवं उद्योग विभाग के पदाधिकारियों से गुमला जिला में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए संचालित विभिन्न विकास एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त की. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए योजनाएं तो संचालित कर रही है, परंतु कई क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जानकारी के अभाव में योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं का बृहत रूप से प्रचार-प्रसार करें, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग योजना का लाभ ले सकें. उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय यथा मुस्लिम, क्रिश्चियन, पारसी, सिख, ईसाई, जैन व बुद्धिष्ट धर्म वालों की शिक्षा-दीक्षा, संस्कृति का ख्याल रखने सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए संविधान में विशेष प्रावधान है. उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक विद्यालयों में पढ़ाई होती है, परंतु मदरसों में पढ़ाई का स्तर काफी नीचे है.
उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार पांडेय को विद्यालय व मदरसों का नियमित औचक निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार सुधार करने का निर्देश दिया. कहा कि सरकारी में पुस्तक, छात्रवृत्ति, साइकिल, पोशाक, भोजन जैसी सुविधाएं मिलने के बाद भी बच्चों की संख्या कम होना चिंताजनक है. इसमें सुधार की आवश्यकता है. बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version