।। दुर्जय पासवान ।।
गुमला : विषाक्त खस्सी मांस खाने से घाघरा प्रखंड स्थित चपका पंचायत के ढिढौली कटहल टोली गांव के जेठू उरांव (60 वर्ष) व पचा उराईन (55 वर्ष) की मौत हो गयी. जबकि 10 लोग बीमार हैं. मृतक जेठू उरांव का 10 वर्षीय पुत्र पवन उरांव व मृतका पचा उराइन के पति नागो उरांव (65 वर्ष) की स्थिति गंभीर है. दोनों का इलाज गुमला सदर अस्पताल में चल रहा है.
इन लोगों के अलावा गांव के महेश लोहरा (55), पूजा लोहरा (5), दिनेश लोहरा (35), दीनबंधु लोहरा (28), विजय उरांव, नागो राव (50), नारायण उरांव, बुद्धनी देवी ने भी विषाक्त मांस खाया था. ये लोग भी बीमार थे. परंतु इलाज के बाद इन लोगों की स्थिति ठीक है.
* क्या है मामला
घटना बुधवार की शाम की है. गांव के रामकेश्वर साहू की खस्सी ने दिलपा उरांव के खेत में लगे मकई के फसल को खा लिया. जिससे खस्सी की मौत हो गयी. खस्सी की मौत की जानकारी होने पर रामकेश्वर साहू मृत खस्सी को अपने घर ले आया.
उसके बाद जेठू उरांव व उसका पुत्र नारायण उरांव मृत खस्सी को अपने घर ले गये और उसका मांस गांव के पचा उराईन समेत अन्य लोगों के साथ खाया. मांस खाने के बाद सभी सो गये. रात में लगभग तीन बजे सभी लोगों को दस्त व उल्टी होने लगी. चार बजे के लगभग जेठू उरांव की मौत हो गयी.
जब गांव के अन्य लोगों की इसकी जानकारी हुई तो बीमार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाघरा लाया गया. जहां इलाज के बाद सभी को गुमला रेफर कर दिया गया. गुमला लाने के क्रम में गुरुवार को पचा उराईन की मौत रास्ते में ही हो गयी.
* गांव में अस्पताल होगा तो बच सकती थी जान
घाघरा प्रखंड के चपका पंचायत में ढिढौली कटहलटोली गांव है. प्रखंड मुख्यालय से गांव की दूरी 10 किमी है. गांव में 50 घर है. आबादी 300 के करीब है. गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. नर्स भी नहीं जाती हैं. अगर कोई बीमार होता है तो घाघरा अस्पताल लाना पड़ता है.
ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में इलाज की व्यवस्था होती तो या अस्पताल रहता तो जेठू व पचा की जान नहीं जाती. क्योंकि मांस खाने के बाद सभी उल्टी करने लगे. रात होने के कारण बीमार लोगों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका और दो लोगों की मौत हो गयी.
इधर मामले की जानकारी मिलने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव नहीं पहुंची. सिर्फ एंबुलेंस भेजकर बीमार लोगों को अस्पताल लाया गया. हालांकि मामले की जानकारी मिलने पर घाघरा पुलिस गांव पहुंची और पूछताछ की.
वहीं मकई की फसल खाने से खस्सी की मौत के बाद एक बैल भी गुरुवार को मर गया. दूसरी ओर मांस खाने से दो लोगों की मौत के बा द गांव के लोग काफी डरे हुए हैं. जानकारी के अनुसार मृतक जेठू उरांव का पुत्र नारायण उरांव (25 वर्ष) ने भी विषाक्त मांस खाया था. लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ. नारायण उरांव ने बताया कि खस्सी को मेरे पिता व हम मिल कर घर में बनाये. इसके बाद कुछ ग्रामीणों को मांस खिलाया. रात को मांस खाने के बाद सभी लोग सो गये. अचानक मेरे पिता व भाई की तबीयत खराब होने लगी. चार बजे मेरे पिता जेठू उरांव की मौत हो गयी. इसके बाद मैंने अपने भाई पवन को गुमला अस्पताल ले आया.
* मां की मौत, पिता गंभीर है : सुना उरांव
मृतका पचा उराईन का पुत्र सुना उरांव ने बताया कि वो मजदूरी करने बाहर गया था. रात को घर लौटा और खाना खा कर सो गया. रात को तीन बजे मेरी मां पचा उराईन व पिता नागो उरांव की तबीयत खराब होने लगी. उन लोगों से पूछने पर बताया कि वे लोग मांस खाये थे. इसके बाद दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां दोनों को बेहतर इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. गुमला लाने के क्रम में टोटो के समीप पचा उराईन की मौत हो गयी. जबकि नागो उरांव की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
* पुलिस गांव पहुंचकर मामले की जांच की गयी है. गांव में लगे फसल को खस्सी ने खाया था. जिससे खस्सी की मौत हो गयी थी. इसके बाद ग्रामीणों ने खस्सी मांस खाया. जिससे दो ग्रामीणों की मौत हो गयी. जबकि कई लोग बीमार हो गये.
उपेंद्र कुमार महतो, थानेदार, घाघरा