पानी, यूरिनल व शौचालय की व्यवस्था नहीं

चिंता : छतों पर उग आया है पीपल का पेड़. जड़े भवनों में फैल रहा है, सफाई नहीं होती गुमला : समाहरणालय व विकास भवन दोनों अगल-बगल हैं. दोनों दो मंजिला इमारत है और यहां जिले के बड़े अधिकारी बैठते हैं. इन्हीं दोनों भवनों में बैठ कर प्रशासनिक अधिकारी गुमला जिले के विकास का खाका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 1:10 AM

चिंता : छतों पर उग आया है पीपल का पेड़. जड़े भवनों में फैल रहा है, सफाई नहीं होती

गुमला : समाहरणालय व विकास भवन दोनों अगल-बगल हैं. दोनों दो मंजिला इमारत है और यहां जिले के बड़े अधिकारी बैठते हैं. इन्हीं दोनों भवनों में बैठ कर प्रशासनिक अधिकारी गुमला जिले के विकास का खाका तैयार करते हैं. यहां जनता की दुख-तकलीफ सुनी जाती है. जन-योजनाओं का क्रियान्वयन होता है. यहीं से जिले में संचालित विकास कार्यों की मॉनीटरिंग भी होती है.

लेकिन चिंता इस बात की है कि समाहरणालय व विकास भवन, जहां से जिले के विकास का खाका तैयार हो रहा है, आज यह दोनों भवन खुद समस्याओं से ग्रसित हैं. समाहरणालय परिसर में आम जनता के लिए यूरिनल, शौचालय व पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि कर्मचारियों को भी इन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कई अधिकारी भी परेशान हैं. लेकिन मजबूरी में कोई कुछ नहीं कहता है. जो व्यवस्था है, उसी व्यवस्था पर लोग परेशानी झेलते हुए काम कर रहे हैं.

अगर किसी कर्मचारी को लघुशंका जाना है, तो स्टेडियम-टू में घुस कर झाड़ी या दीवार के पास खड़ा होकर हल्का होते हैं. कुछ अधिकारी दूसरे अधिकारी के बाथरूम का मजबूरी में इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि गुमला शहर में जगह-जगह शौचालय व यूरिनल बना है, जो अभी बेकार पड़ा हुआ है. लेकिन समाहरणालय व विकास भवन का परिसर, जहां यूरिनल व शौचालय की जरूरत है. अभी तक यहां इसकी व्यवस्था नहीं की गयी है.

विकास भवन की छत को देखें हुजूर : विकास भवन की छत के नीचे कई बड़े अधिकारी बैठते हैं. लेकिन इन अधिकारियों ने कभी छत पर चढ़ कर वहां की साफ-सफाई व छत की स्थिति को देखने व झांकने का प्रयास नहीं किया है. छत की जो स्थिति है, यह सीधे स्वच्छता अभियान पर सवाल खड़ा करता है. जब यहां के अधिकारी ही इतने गंदे स्थान पर रहते हैं, तो फिर स्वच्छता अभियान कैसे सफल होगा. छत में कई सरकारी दस्तावेज को फेंक दिया गया है. जो बदलते मौसम के साथ सड़-गल कर कचरा का रूप ले लिया है, जिसकी सफाई कभी नहीं होती है.

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