गुमला अस्पताल के एसएनसीयू में लगी आग, बाल-बाल बचे भर्ती 18 बच्‍चे

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में शुक्रवार की सुबह 10 बजे वायरिंग शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी. आग लगने के बाद एसएनसीयू में भर्ती 18 बच्चों को इमरजेंसी डोर से बाहर निकालकर उनकी जान बचायी गयी. अगर थोड़ी भी देर होती तो शॉर्ट सर्किट के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2019 10:59 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में शुक्रवार की सुबह 10 बजे वायरिंग शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी. आग लगने के बाद एसएनसीयू में भर्ती 18 बच्चों को इमरजेंसी डोर से बाहर निकालकर उनकी जान बचायी गयी. अगर थोड़ी भी देर होती तो शॉर्ट सर्किट के बाद एसएनसीयू में भरे धुएं से बच्चों के दम घुटने से मौत हो सकती थी.

लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को बाहर निकाला. आग लगने की सूचना मिलने पर अस्पताल में सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गयी. बच्चों को बाहर निकालने में महिला चिकित्सक डॉक्टर शकुंतला मुर्मू, डॉक्टर शिल्पा तिग्गा व डॉक्टर बालकृष्ण महतो की सराहनीय भूमिका रही.

तीनों चिकित्सक ने ऑपरेशन रूम से बने इमरजेंसी डोर से सभी बच्चों को बाहर निकाला. इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने एसएनसीयू के वायरिंग बोर्ड के पैनल में लगी आग को अग्निशामक सिलेंडर का प्रयोग कर आग पर काबू पाया. आग पर काबू पाने के बाद एसएनसीयू के कक्ष में पूरा धुंआ भर गया था. कोई भी व्यक्ति एसएनसीयू के कक्ष में प्रवेश नहीं कर पा रहा था.

शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ. इसकी जानकारी किसी को नहीं है. इधर, एसएनसीयू प्रभारी डॉक्टर राहुल देव ने एसएनसीयू में हुए वायरिंग पर सवाल खड़ा किये हैं. क्योंकि 40 दिन पहले ही इसकी वायरिंग हुई थी और यह जल गया. सीएस डॉ सुखदेव भगत ने कहा कि इसबार इंजीनियर की उपस्थिति में वायरिंग कराया जायेगा.

सीएस ने कहा कि छह बच्चों को रिम्स रेफर कर दिया गया है. 12 बच्चों का गुमला अस्पताल में इलाज हो रहा है, जो ठीक हैं. उसे छुट्टी दे दी गयी है.

Next Article

Exit mobile version