गुमला में नहीं सुधर रहे लोग, बिना हेलमेट पहने चला रहे बाइक

दुर्जय पासवान, गुमला नियमों का उल्‍लंघन कर वाहन चलाना अब आसान नहीं रहा. क्योंकि सरकार ने यातायात नियम व कानून तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने का कई गुना बढ़ा दिया है और नियमों के सख्‍ती से पालन के निर्देश भी दिये हैं. सरकार के निर्देश के बाद परिवहन विभाग व पुलिस कड़े कदम उठा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2019 8:55 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

नियमों का उल्‍लंघन कर वाहन चलाना अब आसान नहीं रहा. क्योंकि सरकार ने यातायात नियम व कानून तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने का कई गुना बढ़ा दिया है और नियमों के सख्‍ती से पालन के निर्देश भी दिये हैं. सरकार के निर्देश के बाद परिवहन विभाग व पुलिस कड़े कदम उठा रही है. लेकिन गुमला के अधिकांश लोग हैं कि इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. उन्हें बस अपनी मर्जी से वाहन चलाने में मजा आ रहा है.

प्रभात खबर ने शनिवार को गुमला शहर में वाहन चालकों पर नजर रखी. कौन सीट बेल्ट पहनकर चार पहिया वाहन चला रहा है और कौन बाइक सवार हेलमेट पहने हुए है. करीब दो घंटे तक शहर के मेन रोड, टावर चौक, जशपुर रोड, सिसई रोड व पालकोट रोड में अभियान चला. देखा गया कि अधिकांश चालक बिना हेलमेट के सड़क पर सरपट अपनी बाइक दौड़ाते नजर आये. कई ऐसे भी बाइक सवार मिले. जो ट्रिपल लोड चलने में शान की सवारी समझ रहे थे.

कुछ युवक तो बिना हेलमेट पहने अपनी प्रेमिका को इस प्रकार गाड़ी में बैठाकर चल रहे थे. जैसे उन्हें सरकार के नियम कानून का कोई डर न हो. सबसे चौंकाने वाली बात कि कई पढ़े लिखे लोग व सरकार के अंग कहे जाने वाले कर्मचारी भी बिना हेलमेट के वाहन चलाते नजर आये. शहर के टावर चौक, जहां ट्रैफिक पुलिस रहती है. ट्रैफिक पुलिस के सामने से ट्रिपल लोड होकर वाहन चालक गुजरते रहे. परंतु कोई रोक टोक नहीं हुई.

प्रभात खबर ने यह भी पता करने का प्रयास किया कि शनिवार को किस रूट पर परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की जांच की जा रही थी. परंतु पता चला कि किसी भी रूट पर वाहन जांच नहीं की जा रही थी. कचहरी परिसर के मोड़ के पास पूर्व में तीन दिन हेलमेट की जांच हुई. इसके बाद वहां भी जांच बंद कर दी गयी है. इधर, डीटीओ जमाल ए रजा से फोन पर बात हुई. उन्होंने कहा कि अभी मैं 12 सितंबर तक छुट्टी पर हूं.

इनकी भी सुनिए : चालान काटने की जगह हेलमेट खरीद कर दें

गुमला के प्रवीण तिर्की ने कहा कि सरकार का नियम ठीक है. लेकिन सरकार को भी कुछ कमियों को दूर करना चाहिए. कई जगह सड़क टूटी हुई है. चलने में परेशानी हो रही है. शहर में कहीं पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. पार्किंग की व्यवस्था हो.

उन्होंने कहा कि चालान काटकर आम आदमी की समस्या का हल होता दिख नहीं रहा है. अगर किसी के पास हेलमेट नहीं है तो उसका चालान काटने की जगह उससे रुपये लेकर उसको हेलमेट दिया जाए. तो एक सप्ताह में सभी हेलमेटधारी हो जायेंगे.

अगर किसी के पास इंश्योरेंस या प्रदूषण नहीं है तो चालान की जगह उन वाहनों का इंश्योरेंस या प्रदूषण तुरंत बनाने की व्यवस्था की जाए. ऐसे ही अगर किसी के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो उसका उसी वक्त आवेदन लिया जाये.

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