गुमला : जिला जल एवं स्वच्छता मिशन गुमला में एक करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक की हेराफेरी का मामला उजागर होने के बाद विभाग में डर का माहौल है. अधिकारी व कर्मचारी सभी सहमे हुए हैं कि कहीं इस मामले में वे भी न फंस जायें. हालांकि कार्यपालक अभियंता चंदन कुमार झा ने हेराफेरी मामले में थाना को आवेदन सौंप कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है, परंतु पुलिस अधिकारी के अनुसार, आवेदन में अधूरी जानकारी है.
जिस कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है. तथ्य को छिपा कर आवेदन सौंपा गया है. इधर, प्रभात खबर ने स्वच्छता मिशन के को-ऑर्डिनेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, एकाउंटेंट व प्रखंड समन्वयकों के अनुबंध की तिथि की अपने स्तर से पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि सभी का अनुबंध अप्रैल व मई माह में ही खत्म हो गया है. लेकिन विभाग इन सभी अनुबंधकर्मियों से काम ले रहा है. एक अनुबंधकर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कुछ लोगों का मई, तो कुछ लोगों का अप्रैल माह में अनुबंध खत्म हो गया है. लेकिन शौचालय निर्माण की प्रगति रुक न जाये, इसलिए सभी कर्मियों का अनुबंध खत्म होने के बाद भी उनसे काम लिया जाता रहा.
पड़ताल में यह भी पता चला कि अनुबंध की तिथि खत्म होने के बाद से ही स्वच्छता मिशन की राशि की हेराफेरी शुरू हो गयी थी. इसकी भनक सभी को थी, परंतु जब मामले का खुलासा हुआ और इसमें कई लोगों के फंसने की उम्मीद बढ़ गयी, तब रांची में बैठे अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी और थाना में आवेदन सौंपा गया.