डिजिटल इंडिया : नक्सल इलाकों के खेत व पहाड़ पर मोबाइल नेटवर्क खोजकर बनाया जा रहा गोल्डेन कार्ड
दुर्जय पासवान, गुमला इस तस्वीर पर गौर कीजिये. गुमला जिले के गांवों की सच्चाई बयां करती है. इस तस्वीर में डिजिटल इंडिया के बढ़ते कदम व गांवों में विकास योजनाओं के इंतजार की कहानी है. एक तस्वीर गुमला प्रखंड के माड़ापानी गांव की है, जो कि नक्सल इलाका है. यहां मोबाइल नेटवर्क पहाड़ पर पकड़ता […]
दुर्जय पासवान, गुमला
इस तस्वीर पर गौर कीजिये. गुमला जिले के गांवों की सच्चाई बयां करती है. इस तस्वीर में डिजिटल इंडिया के बढ़ते कदम व गांवों में विकास योजनाओं के इंतजार की कहानी है. एक तस्वीर गुमला प्रखंड के माड़ापानी गांव की है, जो कि नक्सल इलाका है. यहां मोबाइल नेटवर्क पहाड़ पर पकड़ता है. बिजली की भी समस्या है. कंप्यूटर ऑपरेटर ने पहाड़ पर मोबाइल नेटवर्क खोजकर व खुद की बैट्री की व्यवस्था कर ग्रामीणों का गोल्डेन कार्ड नि:शुल्क बनाया. ताकि गोल्डेन कार्ड का लाभ गांव के लोग ले सके.
वहीं, दूसरी तस्वीर चैनपुर प्रखंड के पीपी बामदा गांव की है. यहां बिजली नहीं है. मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है. कहीं-कहीं मुश्किल से नेटवर्क मिलता है. कंप्यूटर ऑपरेटर राज गोप ने मोबाइल नेटवर्क खोजकर खेत में गोल्डेन कार्ड बनाया. बिजली नहीं रहने पर सोलर लाइट से कंप्यूटर चालू किया गया.
इधर, बिहार के सांसद रवि शंकर प्रसाद ने गुमला के फोटो को सोशल मीडिया में अपलोड करते हुए ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि ये तस्वीर डिजिटल इंडिया की है. जहां झारखंड के गुमला जिले के गांव में कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा गांव में पहुंचकर ग्रामीणों का गोल्डेन कार्ड बनाया जा रहा है.