अगर एनएच-78 का सिलम पुल ध्वस्त हुआ, तो झारखंड से कट जायेगा छत्तीसगढ़
दुर्जय पासवान, गुमला गुमला से चार किमी दूर सिलम घाटी में स्थित झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य की लाइफ लाइन पुल का पिलर पानी के बहाव में टूट रहा है. तीन पिलर का कुछ हिस्सा टूटकर नदी में बह चुका है. जबकि एक पिलर का आधा हिस्सा टूट गया है. अगर पिलर टूटकर बहा तो पुल […]
दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला से चार किमी दूर सिलम घाटी में स्थित झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य की लाइफ लाइन पुल का पिलर पानी के बहाव में टूट रहा है. तीन पिलर का कुछ हिस्सा टूटकर नदी में बह चुका है. जबकि एक पिलर का आधा हिस्सा टूट गया है. अगर पिलर टूटकर बहा तो पुल नदी में ध्वस्त हो जायेगा. जिससे नेशनल हाइवे-78 पर आवागमन बंद हो जायेगा. आवागमन बंद होने से झारखंड राज्य से छत्तीसगढ़ राज्य कट जायेगा.
कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष सह सिलम गांव निवासी चुमनू उरांव ने कहा कि धीरे-धीरे पिलर टूट रहा है. क्योंकि यह पुल 30 वर्ष पुराना है. पिलर टूटने से पुल कमजोर हो रहा है. अगर प्रशासन ने जल्द इस पुल को बचाने का प्रयास नहीं किया तो यह कभी भी ध्वस्त हो जायेगा. जिससे दो राज्यों का संपर्क एक दूसरे से कट जायेगा.
इतना ही नहीं रायडीह, चैनपुर, डुमरी व जारी प्रखंड भी टापू बन जायेगा. ये चारों प्रखंड गुमला से पूरी तरह कट जायेंगे. श्री उरांव ने कहा कि नेशनल हाइवे-78 होने के कारण इस मार्ग से हर रोज 1000 से अधिक मालवाहन गाड़ियां गुजरती हैं. इसके अलावा दर्जनों बस व कई छोटी गाड़ियां पार होती हैं. बड़े वाहनों के भार से भी यह पुल कभी भी बैठ सकता है.
गुमला जिले में बारिश का असर
: गुमला जिले में रविवार को दिनभर बादल छाया रहा. बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. दुकानें खाली रहीं. चेंबर अध्यक्ष के अनुसार शहरी क्षेत्र में करीब 20 लाख रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ है.
: गुमला के सिलम घाटी नेशनल हाइवे-78 स्थित पुल के नीचे का पीलर बारिश के कारण कमजोर होकर टूट रहा है. यह पुल 30 वर्ष पुराना है. अगर पुल ध्वस्त हुआ तो रांची व छत्तीसगढ़ राज्य का मार्ग बंद हो जायेगा.
: बारिश के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बिशुनपुर प्रखंड दौरा रदद हो गया. लोग मायूस हुए. बच्चों का उत्साह कम हो गया.
: गुमला जिले के विभिन्न गांवों में बारिश के कारण 30 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुआ है. कई परिवार बेघर हो गये. कुछ लोग प्लास्टिक बांधकर रह रहे हैं.
: गुमला जिले के 100 से अधिक गांव बारिश के कारण टापू हो गया है. रायडीह, डुमरी, चैनपुर व जारी सबसे ज्यादा प्रभावित. बच्चों को स्कूल आने-जाने में भी परेशानी हो रही है.