हेडमास्टर से एक लाख लेवी की मांग, लेवी नहीं देने पर विद्यालय में जाकर गोली मारने की धमकी

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला जिले के रायडीह प्रखंड अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय जमगाई के हेडमास्टर अनिल कुमार कुजूर से बंदूकधारी अपराधियों ने एक लाख रुपये लेवी मांगी है. लेवी नहीं देने पर विद्यालय में जाकर गोली मारने की धमकी दी है. इधर, लेवी मांगे जाने और जान से मारने की धमकी मिलने के बाद प्रधानाध्यापक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2019 10:34 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला जिले के रायडीह प्रखंड अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय जमगाई के हेडमास्टर अनिल कुमार कुजूर से बंदूकधारी अपराधियों ने एक लाख रुपये लेवी मांगी है. लेवी नहीं देने पर विद्यालय में जाकर गोली मारने की धमकी दी है. इधर, लेवी मांगे जाने और जान से मारने की धमकी मिलने के बाद प्रधानाध्यापक भयभीत हैं.

प्रधानाध्यापक ने मंगलवार को उपायुक्त के जनता दरबार में आवेदन दिया है. हालांकि जनता दरबार में उपायुक्त नहीं थे. इसलिए प्रधानाध्यापक ने जनता दरबार देख रहे प्रशिक्षु आईएएस मनीष कुमार को आवेदन दिया है. आवेदन के माध्यम से प्रधानाध्यापक ने अपना स्थानांतरण बसिया प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोलंगबीरा, राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरूडा अथवा राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय कलिगा में स्थानांतरण कराने की मांग की है.

आवेदन में उल्लेखित है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार कुजूर गत 17 अगस्त 2019 को सुबह में अपने बाइक से विद्यालय जा रहे थे. इसी दौरान डोबडोबी और जमगाई के बीच स्थित लौकी जंगल में सुबह 7.50 बजे अचानक एक बंदूकधारी रास्ते में आकर बाइक रूकवाया और तीन दिनों के भीतर एक लाख रूपये लेवी मांगी. कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं (लेवी नहीं देते हैं) तो विद्यालय जाकर गोली मार देंगे.

आवेदन में यह भी उल्लेखित है कि धमकी मिलने के बाद प्रधानाध्यापक भयभीत हैं. ऐसी स्थिति में प्रधानाध्यापक विद्यालय में जाकर अध्यापन कार्य करने में असमर्थ हैं. इसलिए बसिया प्रखंड के किसी दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण करा दिया जाए. वहीं, प्रधानाध्यापक के मामले में गुमला विधायक शिवशंकर उरांव ने भी सकारात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.

प्रधानाध्यापक द्वारा दिये गये आवेदन में विधायक ने अनुशंसा की है कि आवेदक (प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार कुजूर) ने अपनी गंभीर व्यथा बयान की है. आवश्यक जांचोंपरांत समुचित सकारात्मक कार्रवाई की जाए. इधर, प्रधानाध्यापक द्वारा आवेदन दिये जाने के बाद आवेदक के आवेदन को गुमला डीएसई को रेफर किया है. जिससे हेडमास्टर के मामले में डीएसई कोई निर्णय ले सकें.

Next Article

Exit mobile version