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गुमला : आंजनधाम में कई युगों के बाद 365 में से 41 शिवलिंग, 22 तालाब व 70 महुआ के पेड़ मिले

दुर्जय पासवान, गुमला गुमला के आंजनधाम में कई युगों के बाद 41 शिवलिंग, 22 तालाब व 70 महुआ के पेड़ मिले हैं. यह खोज आंजनधाम विकास समिति के लोगों ने की है. कहा जाता है कि आंजनधाम में 365 शिवलिंग, 365 तालाब और 365 महुआ के पेड़ हैं. क्योंकि माता अंजनी हर दिन एक तालाब […]

दुर्जय पासवान, गुमला

गुमला के आंजनधाम में कई युगों के बाद 41 शिवलिंग, 22 तालाब व 70 महुआ के पेड़ मिले हैं. यह खोज आंजनधाम विकास समिति के लोगों ने की है. कहा जाता है कि आंजनधाम में 365 शिवलिंग, 365 तालाब और 365 महुआ के पेड़ हैं. क्योंकि माता अंजनी हर दिन एक तालाब में स्नान कर शिवलिंग में जलाभिषेक करती थी. माता अंजनी ने 365 तालाबों में स्नान कर शिवलिंग पर जल अभिषेक किया था. इसलिए गुमला से 21 किमी दूर आंजन के जंगल व पहाड़ों में 365 शिवलिंग व उतने ही तालाब होने के प्रमाण हैं.

इस प्रमाण को शनिवार को छठ पूजा के अवसर पर आंजनधाम विकास समिति के लोगों ने साबित भी किया. अंजनी गुफा के पुजारी कल्याण बाबा, मुकेश कुमार सोनी सहित समिति के कई लोग आंजन जंगल व पहाड़ पर माता अंजनी द्वारा स्नान के लिए निर्मित तालाब, शिवलिंग व विश्राम की गयी महुआ के पेड़ को खोजा है.

मुकेश ने बताया कि कई शिवलिंग पहाड़ के ऊपर हैं तो कुछ शिवलिंग खेत व जंगल के बीच हैं. कुछ शिवलिंग को लोगों ने घेराबंदी कर घर बना लिया है. देखरेख के आभाव व वर्षो तक पूजा नहीं होने के कारण कई शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गये हैं. मुकेश सोनी ने कहा कि सभी शिवलिंग पर एक साथ जलाभिषेक किया जायेगा. साथ ही सभी शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए आसपास के झाड़ियों को हटाया जायेगा. जिससे गांव व दूर से आने वाले लोग यहां जल चढ़ सकें.

यहां बता दें कि आंजनधाम में ही माता अंजनी के गर्भ से बालक हनुमान का जन्म हुआ था. भगवान हनुमान का जन्म होने के कारण यह क्षेत्र विश्व विख्यात है. आज भी यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं. रामनवमी में कई दिनों तक यहां भक्त आते हैं. इस क्षेत्र के लोग आज भी अपने को भगवान हनुमान का वंशज मानते हैं और रामनवमी में बैगा पहान लंगोट बांधकर पूजा करते हैं.

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