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बॉटम :::6::: विकास की बाट जोह रहा बाघमुंडा

3 गुम 19 में तीन दिशाओं से इस प्रकार बहती है नदी की जलधारा3 गुम 20 में बाघमुंडा में शिव मंदिरप्रतिनिधि, बसियाबाघमुंडा जलप्रपात पर्यटक स्थल का दरजा पाने की सभी अहर्ताएं पूरी करता है. लेकिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस के चक्कर में बाघमुंडा ऐसे फंसा, कि इसका विकास रूक गया है. बाघमुंडा झारखंड राज्य के प्रमुख पर्यटक […]

3 गुम 19 में तीन दिशाओं से इस प्रकार बहती है नदी की जलधारा3 गुम 20 में बाघमुंडा में शिव मंदिरप्रतिनिधि, बसियाबाघमुंडा जलप्रपात पर्यटक स्थल का दरजा पाने की सभी अहर्ताएं पूरी करता है. लेकिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस के चक्कर में बाघमुंडा ऐसे फंसा, कि इसका विकास रूक गया है. बाघमुंडा झारखंड राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. इसके विकास के लिए आज से छह साल पहले 59 लाख रुपये की सरकार ने स्वीकृति दी थी. जिला प्रशासन को पैसा भी मिल गया था. लेकिन बाघमुंडा फॉरेस्ट लैंड में होने के कारण काम करने की अनुमति नहीं मिली. क्योंकि फॉरेस्ट विभाग ने क्लीयरेंस नहीं दिया. बाद में तत्कालीन उपायुक्त आराधना पटनायक ने फॉरेस्ट विभाग से उक्त राशि का खर्च बाघमुंडा के विकास में करने की अपील की थी. इसके बाद भी यहां काम नहीं हुआ. आज बाघमुंडा विकास की बाट जोह रहा है. रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला जिला के अलावा ओडि़शा राज्य के नजदीक होने के कारण यहां हर साल नववर्ष के अलावा गरमी के मौसम में पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है. वॉच टावर बनने से सुंदर हो जाता बाघमुंडाबाघमुंडा के पहाड़ पर वॉच टाचर बनना था. जहां से सैलानी तीन दिशाओं से बह कर एक स्थान पर मिलने वाली नदी की जलधारा को देख सके. लेकिन नहीं बना. वहीं जलप्रपात तक उतरने के लिए सीढ़ी, चबूतरा व बैठने के लिए सीमेंट की कुरसी, सड़क को पक्का, आसपास लाइटिंग की व्यवस्था व नजदीक से जलप्रपात को देखने के लिए लोहे की रेलिंग बनाना था. लेकिन एक भी काम नहीं हुआ. डीएफओ कुमार आशुतोष ने कहा कि फॉरेस्ट विभाग से क्लीयरेंस नहीं देना, यह पुराना मामला है. उस समय मैं नहीं था. हां इतना जरूर जानकारी है कि क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण काम नहीं हो सका था. उक्त फंड वन विभाग को मिला था या नहीं है. इसका पता करना होगा. तीन दिशाओं से बहती है नदी की जलधाराखूंटी व सिमडेगा मार्ग पर स्थित बसिया प्रखंड. यह गुमला जिला में आता है. बसिया से पांच किमी दूर बाघमुंडा जलप्रपात है. यहां तीन दिशाओं से नदी की जलधारा गिरती है. काफी मनमोहक लगता है. लेकिन यह दृश्य सिर्फ बरसात के दिनों में देखने में मिलता है. ऐसे यहां का मनमोहक दृश्य के कारण सालों भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है. यह पिकनिक स्पॉट के रूप में विख्यात है. खूंटी व सिमडेगा मार्ग में होने के कारण यहां कई जिलों के सैलानियों का आगमन होता है. पहाड़ की चोटी से बाघमुंडा जलप्रपात की दृश्य कश्मीर की तसवीर आंखों के सामने ला देती है. बाघमुंडा जलप्रपात को इस प्रकार जाने: बाघमुंडा गुमला से 50 व रांची से 70 किमी दूर है. खूंटी व सिमडेगा जिला भी 40 व 60 किमी है.: खूंटी व सिमडेगा मार्ग में स्टेट हाइवे से दो किमी दूर है. सड़क है, आसानी से पहुंचा जा सकता है.: पहाड़ की ऊंचाई से नदी को देखने से दिल को सुकून मिलता है. आसपास खूबसूरतवादियां हैं.: यह घने जंगल व पहाड़ों के बीच अवस्थित है. यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है. : जलप्रपात के ऊपर पहाड़ में शिव भगवान की मंदिर है. यहां सावन माह व महाशिवरात्रि में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

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