भाजपा व झामुमो ने पुराने चेहरे को किया पसंद, दिनेश और जिग्गा फिर मैदान में
गुमला : सिसई विधानसभा सीट के लिए दिलचस्प चुनाव होगा, क्योंकि इसबार पुन: विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश उरांव चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने उनपर दोबारा भरोसा करते हुए टिकट दिया है.2014 के चुनाव में दिनेश उरांव ने झामुमो के जिग्गा मुंडा को पराजित किया था. विधायक बनने के बाद श्री उरांव को राज्य का […]
गुमला : सिसई विधानसभा सीट के लिए दिलचस्प चुनाव होगा, क्योंकि इसबार पुन: विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश उरांव चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने उनपर दोबारा भरोसा करते हुए टिकट दिया है.2014 के चुनाव में दिनेश उरांव ने झामुमो के जिग्गा मुंडा को पराजित किया था.
विधायक बनने के बाद श्री उरांव को राज्य का विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था. वहीं दूसरी ओर झामुमो ने भी फिर पुराने चेहरे जिग्गा मुंडा को ही पसंद किया है. जिग्गा 2014 के चुनाव में जीतते-जीतते हार गये थे, क्योंकि उनका कुछ वोट कट गया था. जिस कारण उन्हें हारना पड़ा था.
इसलिए इसबार वे पूरे दमखम व तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. श्री मुंडा ने झामुमो से टिकट मिलते ही 14 नवंबर को नामांकन भी कर दिया है. जबकि भाजपा के डॉ दिनेश उरांव ने नामांकन करने के लिए शुक्रवार को नामांकन प्रपत्र की खरीद की है. भाजपा ने डॉ उरांव पर भरोसा किया है. इधर, टिकट मिलने के बाद डॉ उरांव भरनो व सिसई प्रखंड पहुंचे. डॉ उरांव के चाहने वालों में खुशी है, परंतु जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, वे मायूस हैं.
ज्ञात हो कि सिसई विधानसभा क्षेत्र 1951 में बना है. सिसई विधानसभा सीट के पहले विधायक बलिया भगत थे, जिन्होंने जेएचपी से चुनाव लड़ कर जीता था. हालांकि सिसई सीट पर सबसे अधिक तीन-तीन बार चुनाव जीत कर विधायक बनने का रिकार्ड भाजपा के ललित उरांव व कांग्रेस के बंदी उरांव के नाम है.
लेकिन डॉ दिनेश उरांव भी पूर्व में दो बार विधायक रह चुके हैं, इसलिए उनके पास इस चुनाव में जीत कर तीन बार विधायक बनने का अवसर है. सिसई विधानसभा की सीट इसबार विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव के चुनाव लड़ने के कारण हॉट सीट रहेगी और राज्य की नजर इस पर रहेगी. वहीं झामुमो के जिग्गा मुंडा भी उलट फेर करने में कसर नहीं छोड़ेंगे.