शव नहीं ले गये परिजन, पुलिस ने दफनाया
31 जुलाई को बरांग गांव में माओवादियों ने अपने दो पूर्व साथियों की हत्या कर दिया था72 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस में रखने के बाद दोनों शवों को देवाकी नदी के समीप दफना दियाप्रतिनिधि, घाघराउग्रवादी व अपराधियों की हत्या होने के बाद कई परिवार हैं, जो उनके शव को लेना तो दूर देखना भी नहीं […]
31 जुलाई को बरांग गांव में माओवादियों ने अपने दो पूर्व साथियों की हत्या कर दिया था72 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस में रखने के बाद दोनों शवों को देवाकी नदी के समीप दफना दियाप्रतिनिधि, घाघराउग्रवादी व अपराधियों की हत्या होने के बाद कई परिवार हैं, जो उनके शव को लेना तो दूर देखना भी नहीं चाहते हैं. ऐसा ही दो शव अपने परिजनों के हाथों अंतिम संस्कार का इंतजार करता रहा. परंतु परिजन शव लेने नहीं आये. 72 घंटे तक दोनों शव सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस में रखा रहा. शव से दुर्गंध भी निकलने लगी. जब परिजन शव लेने नहीं आये, तो सोमवार को घाघरा थाने के चौकीदारों ने दोनों शवों को ले जाकर देवाकी नदी के समीप दफना दिया. शवों को दफनाने से पहले उसका फोटो कर लिया गया है. 31 जुलाई को भाकपा माओवादियों ने बरांग गांव में अपने ही दो पूर्व साथियों की गोली मार कर हत्या कर दी थी. उस समय कुछ लोगों ने मारे गये उग्रवादियों की पहचान आदर पोखराटोली गांव के सुधीर उरांव व राजमन उरांव के रूप में किया था. पुलिस दोनों शवों को पोस्टमार्टम कराने के बाद वहीं रख दिया था. ताकि परिजन शव को आकर ले जा सके. अंत में पुलिस ने नियम के अनुसार दोनों शवों को 72 घंटा रखने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया.