गुमला : उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से 20 वर्ष बाद 35 वर्षीय बंधुआ मजदूर मलिक गोप मुक्त हुआ. उसे बंधुआ मजदूर के रूप में जौनपुर के सुनील सिंह अपने घर में रखा हुआ था. जब इसकी जानकारी जौनपुर के डीएम सत्य प्रकाश और मिशन बदलाव उत्तर प्रदेश के सदस्य रवि यादव को हुई, तो मलिक को मुक्त कराया गया. मलिक गोप गुमला जिला अंतर्गत पालकोट प्रखंड का रहने वाला है.
बताया जा रहा है कि जब वह 15 वर्ष का था, तभी गरीबी के कारण काम की तलाश में उत्तर प्रदेश के जौनपुर चला गया था. उसे वहां सुनील सिंह ने काम दिया, जहां वह अपनी जीविका चला रहा था. परंतु मलिक को अपने घर की याद आने पर वह लौटना चाह रहा था. जब इसकी जानकारी सुनील सिंह को हुई, तो उसने मलिक को बंधुआ मजदूर के रूप में अपने ही घर में नजरबंद कर रखने लगा. मलिक को घर से निकलने भी नहीं दिया जाता था.
इधर, बुधवार को मिशन बदलाव के सदस्य रवि यादव को जानकारी मिली कि पालकोट ब्लॉक का मलिक गोप 20 वर्ष से बंधुआ मजदूर के रूप में रह रहा है, तो उसने इसकी जानकारी जौनपुर के डीएम सत्य प्रकाश को दी. इसके बाद डीएम व मिशन बदलाव के सदस्य मजदूर मलिक को छुड़ाने पहुंचे और बड़ी मशक्कत के बाद उसे एक घर से मुक्त कराया गया.
अभी मलिक प्रशासन की निगरानी में है. उसे गुमला लाने की तैयारी है. इस संबंध में रवि ने कहा कि गुमला जिले के कई मजदूर हैं, जो इस क्षेत्र में आने के बाद प्रताड़ित हो रहे हैं या तो मजदूरी कर रहे हैं. उन सभी को चिह्नित करके मुक्त कराने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ माह पूर्व क्षेत्र से 15 मजदूरों को मुक्त कराया गया था. वह भी गुमला के थे.