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बिशुनपुर विधानसभा: जीत के लिए भाजपा उम्मीदवार ने किये वादे, कहा- विकास की गंगा बहा दूंगा

अमिताभ कुमार/उत्पलकांतगुमला : बिशुनपुर विधानसभा सीट के लिए 30 नवंबर को मतदान है. यहां से 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर शुरू में भाजपा के अशोक उरांव व झामुमो के चमरा लिंडा के बीच मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन जेवीएम के महात्मा उरांव ने भी क्षेत्र में लगातार मेहनत की […]

अमिताभ कुमार/उत्पलकांत
गुमला : बिशुनपुर विधानसभा सीट के लिए 30 नवंबर को मतदान है. यहां से 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर शुरू में भाजपा के अशोक उरांव व झामुमो के चमरा लिंडा के बीच मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन जेवीएम के महात्मा उरांव ने भी क्षेत्र में लगातार मेहनत की जिस कारण मुकाबला अब त्रिकोणीय हो चुका है. इस विधानसभा सीट पर लगातार वोटरों का रूझान बदल रहा है. यहां की जनता का मानना है कि बिशुनपुर सीट में दिलचस्प टक्कर होगी और रिजल्ट भी चौंकाने वाला होगा. इसी बीच प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने भाजपा उम्मीदवार अशोक उरांव से बातचीत की.

हमसे बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली बार निर्दलीय लड़कर मैंने तीसरा स्थान प्राप्त किया था. इस बार मैं भाजपा उम्मीदवार हूं इसका फायदा मुझे निश्‍चित तौर पर मिलेगा. भाजपा गंठबंधन नहीं कर सकी इसका कितना नुकसान होगा इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आजसू और जदयू के कार्यकर्ता बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में नहीं के बराबर हैं. इन दोनों पार्टियों का यहां कोई जनाधार नहीं है.

उन्होंने कहा कि यदि मुझे जनता का आशीर्वाद मिला तो मैं अपने क्षेत्र में विकास की गंगा बहा दूंगा. पिछले दस सालों से यहां का विकास रूका हुआ है. यदि मैं जीतकर आता हूं तो सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण मेरी पहली प्राथमिकता होगी जो ग्रामीण क्षेत्र की पहली आवश्‍यकता होती है.

बिशुनपुर से मैटिक की पढ़ाई और फिर लोहरदगा से स्नातक करने वाले भाजपा उम्मीदवार अशोक उरांव ने आगे कहा कि जब यहां के विधाय‍क भाजपा के चंद्रेश उरांव हुआ करते थे तो क्षेत्र में विकास का कार्य नजर आता था. यदि मैं जीतकर आता हूं तो स्वर्गीय चंद्रेश उरांव के द्वारा रह गये अधूरे कामों को आगे बढ़ाऊंगा जो पिछले 10 सालों से अटके पड़े हैं. पलायन की समस्या पर भी श्री उरांव ने बात की. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से यहां बॉक्साइट के कुछ खद्दान बंद है. मैं विधायक के तौर पर यदि इस क्षेत्र का नेतृत्व कर सका तो विधानसभा में पलायन को लेकर आवाज उठाऊंगा और यहां फैक्ट्री स्थापित करवाने का प्रयास करूंगा. यहां के लोग धान काटने के बाद दूसरे राज्यों में काम की खोज में पलायन कर जाते हैं. मैं इस समस्या से क्षेत्र को निजात दिलाने की कोशिश करूंगा.

अपने विरोधी जेएमएम उम्मीदवार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि चमरा लिंडा यहां के वोटर नहीं हैं. वह बिशुनपुर के स्थायी निवासी भी नहीं हैं. वे यहां के सीधे साधे आदिवासियों को वोट बैंक बनाकर ठगने का काम कर रहे हैं. विकास का काम नहीं करते हैं. वे धर्म-कर्म की राजनीति करते हैं. चमरा लिंडा ने इस क्षेत्र में स्कूल खोला, लेकिन अध्यक्ष अपनी पत्नी को बनाया और अनट्रेंड टीचरों को रखा है. यहां भी पढ़े लिखे लोग हैं जो अध्यक्ष बन सकते हैं.

चुनाव प्रचार के संबंध में जब श्री उरांव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं और पूरा भाजपा संगठन क्षेत्र में प्रचार कार्य में लगे हुए हैं. मैं जनता से अपील करता हूं कि वे सूझबूझ के साथ सही उम्मीदवार को चुने ताकि क्षेत्र में रुके हुए विकास के कार्यो को आगे बढ़ाया जा सके.

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