बॉटम ::::: तीन साल में भी नहीं मिली जेल के लिए जमीन

गुमला शहर की घनी आबादी के बीच जेल होने से आसपास के लोगों के अलावा प्रशासन को बड़ी घटना का डर बना रहता हैजेल आइजी ने 2011 से अबतक कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिख कर नया जेल भवन बनाने के लिए जमीन मांग चुके हैंप्रतिनिधि, गुमलागुमला मंडल कारा (जेल) के लिए प्रशासन तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2014 6:00 PM

गुमला शहर की घनी आबादी के बीच जेल होने से आसपास के लोगों के अलावा प्रशासन को बड़ी घटना का डर बना रहता हैजेल आइजी ने 2011 से अबतक कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिख कर नया जेल भवन बनाने के लिए जमीन मांग चुके हैंप्रतिनिधि, गुमलागुमला मंडल कारा (जेल) के लिए प्रशासन तीन साल से जमीन की तलाश कर रही है. अभी तक नया जेल भवन बनाने के लिए जमीन नहीं मिली है. इसके लिए 35 एकड़ जमीन की जरूरत है. शहर से तीन से चार किमी की दूरी पर कहीं भी इतनी सरकारी जमीन नहीं है. प्रशासन सुरक्षा के दृष्टिकोण से जल्द से जल्द शहर से जेल को हटाकर किसी एकांत स्थान पर ले जाना चाहता है. जेल प्रशासन 13 अक्तूबर 2011 से नया जेल भवन बनाने के लिए प्रयासरत है. 2011 से अबतक एक दर्जन बार जमीन देने के लिए गुमला प्रशासन को जेल आइजी ने पत्र लिखा है. हर बार जमीन खोजने की बात कही जा रही है. इधर पुन: अपर समाहर्ता चितरंजन कुमार ने गुमला अंचल की सीओ अलका कुमारी को लिखा है. जिसमें उन्होंने नया जेल भवन निर्माण के लिए भूमि चयन कर ट्रेस नक्शा के साथ भू-अर्जन करने के लिए कहा है. सीओ जमीन की तलाश शुरू कर दी है.शहर के बीचो-बीच है जेलगुमला जेल शहर के बीचो-बीच है. जेल के चारों ओर घनी आबादी है. जेल की दीवार से सटे कई निजी घर है. जिस कारण जेल प्रशासन सुरक्षा को लेकर चिंतित है. जेल में कई हार्डकोर नक्सली व खूंखार अपराधी बंद हैं. इसलिए, सुरक्षा के ख्याल से जेल प्रशासन शहर से हट कर जेल बनाना चाहती है. इसके लिए जेल प्रशासन ने जेल आइजी को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी थी. रांची में कई बार गृह विभाग की बैठक में भी यह बात उठ चुकी है. जमीन नहीं मिलने के कारण मामला लटका हुआ है. पुराना जेल 1902 में बना थागुमला में पुराना जेल 1902 में बना था. उस समय करमटोली व शास्त्री नगर के मुहल्लों में कम आबादी थी. गिने चुने घर थे. कालांतार में आबादी बढ़ी, तो जेल के चारोंे तरफ घनी आबादी से घिर गया. उस समय कैदियों की संख्या को देखते हुए छोटे से भू-खंड पर जेल बनाया गया था. बाद में कैदियों की संख्या बढ़ने के कारण यहां रहने में परेशानी होने लगी. इसके बाद पुराने भवन के बगल में नया भवन बनाया गया. क्षमता 302 कैदियों की है. लेकिन यहां अक्सर 600 से अधिक कैदी बंद हैं. एक दर्जन बार पत्र लिखा गया हैजेल प्रशासन ने 13 सितंबर 2011 को पत्रांक 1342 व पांच जनवरी 2012 को पत्रांक 13, जेल आइजी ने पत्रांक दो सितंबर 2011 को पत्रांक 1775 व 27 दिसंबर 2011 को पत्रांक 24 में उपायुक्त को पत्र लिख कर नया जेल भवन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण करने की मांग कर चुके हैं. पहले भी तीन बार पत्र लिखा जा चुका है. जेल आइजी व जेल अधीक्षक कई मर्तबा गुमला उपायुक्त को पत्र लिख चुके हैं.

Next Article

Exit mobile version