बच्चे 15 और शिक्षक तीन, फिर भी पढ़ाई चौपट

बसिया(गुमला) : बसिया प्रखंड में पाकरटोली गांव है. शहीद संतोष गोप के टेंगरा गांव के लोग इसी पाकरटोली से होकर आते-जाते हैं. पक्की सड़क के किनारे स्कूल है, परंतु इस स्कूल की जो व्यवस्था है, यह शिक्षा विभाग के कारनामों की पोल खोलने के लिए काफी है. गुमला जिले का यह पहला स्कूल है, जहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2019 1:08 AM

बसिया(गुमला) : बसिया प्रखंड में पाकरटोली गांव है. शहीद संतोष गोप के टेंगरा गांव के लोग इसी पाकरटोली से होकर आते-जाते हैं. पक्की सड़क के किनारे स्कूल है, परंतु इस स्कूल की जो व्यवस्था है, यह शिक्षा विभाग के कारनामों की पोल खोलने के लिए काफी है. गुमला जिले का यह पहला स्कूल है, जहां 15 छात्र पर तीन शिक्षक हैं.

इसके बावजूद इस स्कूल की पढ़ाई चौपट है. सप्ताह में दो-तीन दिन तो एक भी छात्र नहीं आते हैं. शिक्षक समय पर आने के बाद हाजिरी बनाते हैं और स्कूल की समय अवधि पूरी होने के बाद घर लौट जाते हैं. यहां तक कि मध्याहृन भोजन भी नहीं बनता है. इसकी जानकारी डीएसइ से लेकर बीइइओ तक है, परंतु दोनों अधिकारी इसकी अनदेखी करते हैं.

सरकार का आदेश था, जिस स्कूल में 30 से कम छात्र हैं, उस स्कूल को नजदीक के स्कूल में मर्ज करना है, परंतु गुमला शिक्षा विभाग की लापरवाही का यह जीता जागता उदाहरण है. इस स्कूल को मर्ज नहीं किया गया, बल्कि दो शिक्षकों की यहां नियुक्ति कर दी. पहले से यहां एक पारा शिक्षक मोतीलाल साहू थे, जो कि अकेले 15 छात्रों को पढ़ा रहे थे, परंतु शिक्षा विभाग ने दो अन्य शिक्षकों की यहां नियुक्ति कर दी.

Next Article

Exit mobile version