राशन की मिल रही शिकायतों के बाद विधायक गंभीर, आपूर्ति पदाधिकारी को चेताया
दुर्जय पासवान, गुमला गुमला में गरीबों को डीलरों द्वारा राशन सही मात्रा में नहीं दिया जा रहा है. साथ ही कई ऐसे गरीब हैं, जिनके घर खाने के लिए कुछ नहीं है. वैसे लोगों का राशन कार्ड नहीं बना है. यह शिकायत गुमला विधायक भूषण तिर्की के पास पहुंची है. श्री तिर्की 26 जनवरी गणतंत्र […]
दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला में गरीबों को डीलरों द्वारा राशन सही मात्रा में नहीं दिया जा रहा है. साथ ही कई ऐसे गरीब हैं, जिनके घर खाने के लिए कुछ नहीं है. वैसे लोगों का राशन कार्ड नहीं बना है. यह शिकायत गुमला विधायक भूषण तिर्की के पास पहुंची है. श्री तिर्की 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर क्षेत्र भ्रमण में थे. विधायक कई गांवों का भ्रमण किया. लोगों से मिले. उनकी समस्याओं से रू-ब-रू हुए. लोगों ने राशन की समस्या को प्रमुखता के साथ रखा.
समस्या को लेकर गुमला विधायक गंभीर हैं. उन्होंने गुमला जिले के सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों से कहा है कि राशन सही मात्रा और समय पर गरीबों को मिले. इसका पूरा ध्यान रखा जाये. डीलर भी ईमानदारी से गरीबों को राशन आपूर्ति करें. जिस प्रकार की शिकायत आ रही है. यह गंभीर बात है. गणतंत्र दिवस पर जनता की इस प्रकार की समस्या आना, गंभीर मसला है.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य के सीएम हेमंत सोरेन ने जनता के लिए काम करना शुरू किया है. ऐसे में शिकायत नहीं आनी चाहिए. प्रशासन व डीलर इसपर ध्यान देते हुए काम करें. महागठबंधन की सरकार में ऐसी शिकायत आती है तो इसे गंभीरता से लिया जायेगा.
अधिकारी रखे ख्याल, भुमखरी से कोई न मरे
गुमला में पूर्व में अक्सर शिकायत आती थी. भुखमरी से गरीब मर गया. क्योंकि उसके घर खाने के लिए अनाज नहीं था. इस गणतंत्र दिवस पर मैं गुमला प्रशासन से कहूंगा. गुमला में कोई भुखमरी से न मरे. इसके लिए प्रशासन गरीबी में जी रहे लोगों की मदद करे. जिला से लेकर प्रखंड, पंचायत व गांव स्तर तक सरकार के कर्मचारी काम कर रहे हैं. ऐसे में कौन गरीबी में जी रहा है. इसकी प्रशासन खोज करे. उसके घर तक अनाज पहुंचाए.
गुमला में विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति के लोग निवास करते हैं. वे जंगल व पहाड़ों में घर बनाकर रह रहे हैं. उनमें अशिक्षा की कमी है. जानकारी का भी आभाव है. इसलिए उन्हें डाकिया योजना का लाभ सही से नहीं मिल रहा है. प्रशासन इस परिवार को नियम के तहत घर पहुंचाकर राशन दें. किसी भी स्थिति में यह शिकायत नहीं आनी चाहिए कि डाकिया योजना का लाभ आदिम जनजाति के लोगों को नहीं मिल रहा है.