दुर्जय पासवान
गुमला : झारखंड के गुमला प्रखंड के घटगांव पंचायत स्थित तेतरडीपा गांव के स्कूल को बंद कर दिया गया है. इस स्कूल को बगल के स्कूल सोकराहातू में मर्ज कर दिया गया है. अब तेतरडीपा गांव के कोरवा जनजाति के बच्चे सोकराहातू गांव के स्कूल पढ़ने जाते हैं. तेतरडीपा स्कूल बंद होने के बाद गांव के लोगों ने स्कूल भवन को गौशाला बना दिया है. स्कूल की छत पर पुआल को रखा जा रहा है. वहीं, स्कूल के एक कमरे में पशुओं को बांधा जाता है. अन्य कमरों में झाड़ी उग आयी है.
गांव के निवासी कहते हैं कि कभी हमारे तेतरडीपा गांव के स्कूल में बच्चों की किलकारियां गूंजा करती थी. बच्चों से स्कूल में चहल-पहल हुआ करती थी. हर बच्चा स्कूल जाता था. एक दिन भी स्कूल नागा नहीं करता था, लेकिन जब से तेतरडीपा स्कूल को बंद कर सोकराहातू में मर्ज किया गया है. बच्चे अब रोजाना स्कूल नहीं जाते हैं, क्योंकि तेतरडीपा से सोकराहातू स्कूल दूर है. इस कारण बच्चे कभी-कभार स्कूल जाते हैं.
गांव के राजू कोरवा ने कहा कि तेतरडीपा स्कूल बंद होने के बाद से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. स्कूल बंद होने के बाद भवन का उपयोग गांव के लोग अब निजी तौर पर कर रहे हैं. कई कमरों में तो झाड़ी भी उग आयी है. एक कमरा है, जिसे गांव के लोग साफ-सुथरा करके पशुओं को बांधते हैं.
राजू ने यह भी बताया कि जब स्कूल बना था, उस समय अनियिमतता बरती गयी थी. छत की ढलाई किये बिना ही स्कूल भवन के निर्माण को पूरा दिखाकर विभाग के अधिकारी और ठेकेदार ने पैसे की निकासी कर ली. अभी तक न तो इसकी जांच हुई और न ही स्कूल भवन को पूरा कराने का प्रयास किया गया. अब स्कूल बंद हो गया है, तो ग्रामीण इस भवन निजी तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं.