दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला में मानव तस्करी का समाचार प्रभात खबर में छपने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है. सीएम के संज्ञान लेने व दिशानिर्देश देने के बाद गुमला प्रशासन हरकत में आ गया है. गुमला पुलिस पीड़िता के घर जाकर पूरे मामले की जांच की है. साथ ही परिवार के लोगों को मिल रही धमकी की जानकारी ली. मानव तस्करी के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की जानकारी गुमला पुलिस ने सीएम व झारखंड पुलिस को ट्वीट कर दी है. जिसमें गुमला पुलिस ने कहा है कि सीएम के निर्देशानुसार मानव तस्करी के उक्त कांड से संबंधित दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए ठीम गठित कर छापामारी की जा रही है.
गुमला डीएसपी प्राण रंजन ने पीड़ित के गांव जाकर धमकी देने वालों के संबंध में जानकारी प्राप्त की है. वहीं गुमला पुलिस द्वारा मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को 2019 के जुलाई माह में दिल्ली से बरामद किया गया था. इसमें दो अभियुक्तों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. फरार चल रहे दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है. पुिलस लगातार नजर बनाये हुए है.
सीडब्ल्यूसी में मानव तस्करी व बाल श्रम के 778 मामले दर्ज
प्रशासन रुचि नहीं लेता था
मानव तस्करी के मामले में कभी भी प्रशासन ने रुचि नहीं ली है, जिस कारण गुमला में अक्सर मानव तस्करी के केस होते रहे हैं. इधर, जब अखबार में समाचार छपा और सीएम ने संज्ञान लिया, तो गुमला प्रशासन व पुलिस प्रशासन हरकत में है. अगर प्रशासन पूर्व में ही गंभीरता दिखाता, तो आज परेशानी नहीं झेलनी पड़ती.
डीसी ने दिया लड़कियों के संरक्षण का निर्देश
सीएम के संज्ञान के बाद गुमला डीसी शशि रंजन ने डीसीपीओ संजय कुमार से तीन साल में हुई मानव तस्करी व बाल श्रम की रिपोर्ट मांगी है.
साथ ही जो छह लड़कियां दिल्ली से मुक्त हुई है, उन लड़कियों को संरक्षण देने का निर्देश दिया है. डीसी ने डीसीपीओ से कहा है कि इस प्रकार के मामले में तुरंत कार्रवाई हो, जिससे मानव तस्करी को रोका जा सके. डीसी के निर्देश पर डीसीपीओ संजय कुमार ने सीडब्ल्यूसी पहुंच कर तीन साल की रिपोर्ट प्राप्त की है. तीन साल में 778 मामले सीडब्ल्यूसी के समक्ष दर्ज किया गया है. ये सभी मामले मानव तस्करी, बाल श्रम से संबंधित है. प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में 242, वर्ष 2018 में 280 व वर्ष 2019 में 256 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि वर्ष 2020 के जनवरी माह में 10 मामले दर्ज किये गये हैं. डीसीपीओ ने बताया कि कई लड़कियों को दिल्ली से मुक्त करा कर गुमला लाया गया.
लड़कियों को संरक्षण देने की पहल शुरू
डीसीपीओ संजय कुमार ने बताया कि डीसी के निर्देश पर सीडब्ल्यूसी के माध्यम से चाइल्ड लाइन को पत्र लिखा गया है. चाइल्ड लाइन को निर्देश दिया गया है कि पीड़ित परिवार के घर जाकर लड़कियों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करें, ताकि सभी लड़कियों को सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में लेकर सुरक्षा प्रदान करते हुए शिक्षा की व्यवस्था की जा सके. उन्होंने बताया कि लड़कियों से दोबारा बयान लिया जायेगा.