Loading election data...

एक साल से राशन बंद, आशीर्वाद योजना का भी नहीं मिल रहा था लाभ, इसलिए किसान ने दी जान

दुर्जय पासवान, गुमला बसिया प्रखंड स्थित ससिया गांव के किसान दिग्विजय कुमार ने आर्थिक तंगी से त्रस्त होकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. किसान की मौत की सूचना पर बुधवार को जिले के वरीय अधिकारी ससिया गांव पहुंचे. पीड़ित परिवार से मिले. घर की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली. परिजनों ने बताया कि आशीर्वाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2020 10:27 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

बसिया प्रखंड स्थित ससिया गांव के किसान दिग्विजय कुमार ने आर्थिक तंगी से त्रस्त होकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. किसान की मौत की सूचना पर बुधवार को जिले के वरीय अधिकारी ससिया गांव पहुंचे. पीड़ित परिवार से मिले. घर की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली. परिजनों ने बताया कि आशीर्वाद योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. एक साल से राशन भी बंद है. घर की स्थिति के कारण ही दिग्विजय चिंता में रहते थे. इसलिए उन्होंने आत्महत्या की है.

समस्या सुनने के बाद गुमला डीसी शशि रंजन ने कहा कि परिवार की हर संभव मदद की जायेगी. सरकारी सुविधा के तहत विधवा पेंशन व दीनदयाल आवास योजना के तहत पक्का घर बनवाया जायेगा.

सरकारी योजना का नहीं मिल रहा लाभ : पत्नी

यहां बता दें कि किसान की मौत की सूचना पर डीसी शशि रंजन, एसडीओ सौरभ कुमार, एसी सुधीर गुप्ता, डीएसओ अरविंद कुमार मृतक के घर पहुंचे. मृतक की पत्नी देवंती देवी से घटना की जानकारी ली. घटना के संबंध में देवंती देवी ने बताया कि हमारा खेती बारी के अलावा आय का कोई स्रोत नहीं है. एक पुत्र हरिओम गोप मसरिया स्थित नवोदय स्कूल का 11वीं में पढ़ता है. वहीं, पुत्री भूमिका कुमारी दलमादी में 7वीं में पढ़ती है. हमें कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलती है. न ही मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का लाभ मिल रहा है. घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण दिग्विजय अक्सर घर के बारे में सोचते थे. इस वर्ष खेतीबारी भी ठीक से नहीं हुई. जिस करण हमेशा चिंतित रहते थे.

घड़ी बनाने की बात कहकर निकला था किसान

पत्नी देवंती देवी ने कहा कि उसके पति मंगलवार को घड़ी बनाने के लिए घर से निकले थे. जिसके लिए मुझसे 50 रुपये भी मांगे थे. करीब शाम सात बजे उनकी आत्महत्या करने की सूचना मिली. उसने बताया कि एक वर्ष से राशन भी बंद है. एक देवर महेंद्र गोप है जो एयरफोर्स में कार्यरत थे. लेकिन शारीरिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण वीआरएस लेकर रामगढ़ में रहते हैं.

गांव में सिर्फ मेरा परिवार और सास शारदा देवी रहती है. घर में कमाने वाला सिर्फ मेरे पति के अलावा कोई नहीं है. यहां बता दें कि दिग्विजय मंगलवार को घर से निकला था और बानो रेलवे स्टेशन व कानारोवा रेलवे स्टेशन के बीच पोल संख्या 520/8-9 के बीच ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी. मरने से पहले दिग्विजय ने एक सुसाइड नोट लिखा था. जिसमें उसने कहा है कि मैं एक किसान हूं. आर्थिक तंगी से तंग आकर आत्महत्या कर रहा हूं.

क्‍या कहना है किसानों का

ससिया गांव के किसान घनश्याम गोप, योगेंद्र यादव, योगेंद्र गोप, महावीर गोप, केशव यादव, सरिता देवी ने बताया कि ससिया गांव एक कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां जीने का साधन खेतीबारी है. रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है. यहां के लोगों का जीवकोपार्जन का एकमात्र साधन कृषि कार्य है. लेकिन गांव के अधिकांश किसानों को मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का लाभ नहीं मिला है.

क्‍या कहना है मुखिया का

पंचायत के मुखिया जीवन मशीह बरला ने बताया कि गांव के अधिकांश लोगों को मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का लाभ नहीं मिला है. जबकि पंचायत के सभी गांव में कैंप लगाकर आवेदन लिया गया था. मृतक दिग्विजय ने कभी आर्थिक तंगी की जानकारी मुझे नहीं दी है. अगर जानकारी रहती तो मैं जरूर मदद करता. ऐसे उसके घर की स्थिति ठीक नहीं है. इधर, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रोशन बरवा भी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले.

Next Article

Exit mobile version