जनक्रांति संगठन का खात्मा
प्रतिनिधि, गुमला भाकपा माओवादी के सिमडेगा सबजोनल कमेटी के विश्वामित्र जी ने दूरभाष पर घटना की जिम्मेवारी लेते हुए कहा कि मंगल के मारे जाने के बाद जनहित क्रांति संगठन का खात्मा हो गया है. तीन चार सदस्य हैं. उन्हें भी बहुत जल्द मार गिराया जायेगा. मंगल को मारने में दीपक जी व खुंदी मुंडा […]
प्रतिनिधि, गुमला भाकपा माओवादी के सिमडेगा सबजोनल कमेटी के विश्वामित्र जी ने दूरभाष पर घटना की जिम्मेवारी लेते हुए कहा कि मंगल के मारे जाने के बाद जनहित क्रांति संगठन का खात्मा हो गया है. तीन चार सदस्य हैं. उन्हें भी बहुत जल्द मार गिराया जायेगा. मंगल को मारने में दीपक जी व खुंदी मुंडा एक प्लाटून के साथ गया हुआ था. होलिका बाई अभी हमारे कब्जे में है. उससे पूछताछ की जा रही है. उसे छोड़ दिया जायेगा. क्योंकि मंगल उसे जबरन अपने साथ उठा कर ले गया था. मंगल के कारण पालकोट व रायडीह के कुछ इलाकों में संगठन विस्तार में दिक्कत हो रही थी. माओवादियों ने मंगल को मारा है : एसडीपीओ एसडीपीओ एजरा वोदरा ने बताया कि मंगल को भाकपा माओवादियों ने मारा है. वह लंबे समय से फरार था. पुलिस भी उसे पकड़ने के लिए खोज रही थी. कई बार वह पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ से निकल भागा था. थाना प्रभारी रामाकांत तिवारी ने कहा कि सूचना मिली थी कि वह पालकोट इलाके में छिपा हुआ है. पुलिस उसे दबोचने की तैयारी कर ही रही थी, कि माओवादी कल आये और उसे मार दिये. मंगल बीए पास था, दो शादी की थी मंगल नगेशिया का घर पालकोट प्रखंड के कांसीकोना गांव है. वह पेशे से किसान था. परंतु 1992 में वह एमसीसीआइ कमांडर कमल खडि़या के संपर्क में आया. कमल सारा हथियार मंगल के घर रखता था. पुलिस ने मंगल को जेल भी भेजा था. इसके बाद जब वह निकला तो पुलिस की नजर उसके ऊपर थी. मंगल एमसीसीआइ में शामिल हो गया. 17 साल तक रहा. 2009 में संगठन से पैसा लेनदेन को लेकर अनबन हुआ तो वह गायब हो गया. कुछ दिनों के बाद वह पीएलएफआइ में शामिल हो गया और सबजोनल कमांडर बन गया. यहां भी अनबन हुई तो वर्ष 2012 में वह जशपुर भाग गया. जहां उसने माओवादी जनहित संगठन बनाया. जिसे बाद में बदल कर उसने जनहित क्रांति संगठन रखा और उसका सुप्रीमो बन गया. उसकी दो पत्नी भिंसारी देवी व बासमति देवी है. तीन बच्चे हैं. एक बेटा है. दो बेटी की शादी कर चुका है. रायडीह व पालकोट में एमसीसीआइ को मजबूत किया था मंगल अपने कार्यकाल के दौरान पालकोट व रायडीह प्रखंड में एमसीसीआइ को मजबूत किया था. इसका विस्तार करते हुए वह सिमडेगा व जशपुर जिला में घुस गया था. वर्ष 2008 में उसने गुड़मा निवासी शांति सेना के सुप्रीमो भादो सिंह समेत नौ लोगों को जिंदा जला कर मार दिया था. पहले गोली मारी थी. इसके बाद गाड़ी के अंदर ठूंस कर जला दिया था. इसके बाद से वह सुर्खियों में सबसे ज्यादा आया और राज्य सरकार ने उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम रखा.