बोटिंग प्वाइंट हटा तो बन गया जुआरियों का अड्डा

प्रतिनिधि, गुमला’चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ यह कहावत गुमला वन तालाब में लाखों रुपये की लागत से बनाये गये बोटिंग प्वाइंट पर सटीक बैठता है. उदघाटन के वक्त बोटिंग प्वाइंट खूब चला. सुबह से शाम तक प्रशासनिक अधिकारी व गुमला के लोगों का यहां भीड़ लगी रहती थी. सभी बोटिंग करने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2014 11:02 PM

प्रतिनिधि, गुमला’चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात’ यह कहावत गुमला वन तालाब में लाखों रुपये की लागत से बनाये गये बोटिंग प्वाइंट पर सटीक बैठता है. उदघाटन के वक्त बोटिंग प्वाइंट खूब चला. सुबह से शाम तक प्रशासनिक अधिकारी व गुमला के लोगों का यहां भीड़ लगी रहती थी. सभी बोटिंग करने के लिए उत्सुक नजर आते थे. मगर प्रशासन के अधिकारी ही वन तालाब से बोटिंग को उठा कर जशपुर रोड स्थित बिरसा एग्रो पार्क में ले गये. जिससे गुमला के लोग मायूस हैं. बोटिंग को बिरसा एग्रो पार्क में ले जाने से वन तालाब की रौनक बदल गया है. वहां लाखों रुपये की लागत से बने गैलरी व पुल पर अब मनचले युवकों का अड्डा हो गया है. हर समय वहां जुआ का अड्डा लगा रहता है. जिस कारण कोई भी अच्छे परिवार के लोग उस ओर जाने से कतराते हैं. वहीं दूसरी ओर वन तालाब में बोटिंग होने से लोगों को नि:शुल्क तालाब के किनारे टहलने का मौका मिल जाता था. बिरसा एग्रो पार्क में घुसने का कीमत लगता है, जो की हर रोज नहीं दिया जा सकता है. बोटिंग प्वाइंट का दर अलग से लिया जाता है. यहां बताते दें कि यह बोटिंग प्वाइंट शुरू में सिसई रोड स्थित छठ तालाब में बनने वाला था, मगर प्रशासनिक पदाधिकारी अपनी सुविधा के लिए इसे वन तालाब ले गये. बोटिंग को वन तालाब से भी उठा कर बिरसा एग्रो पार्क में ले जाने से गुमलावासियों को मनोरंजन करने के लिए दोगुना दाम देना पड़ रहा. पार्क में भी बोटिंग कभी कभार चलता है. चेंबर के पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार ने मनोरंजन के लिए वन तालाब व सिसई रोड में बोटिंग प्वाइंट शुरू करने की मांग किया है.

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