..सोहराई पर्व पूर्वजों की देन है : धर्म गुरु
पारंपरिक रीतिरिवाज से मनाया गया सोहराई पर्व.28 गुम 9 में पूजा करते सरना धर्म गुरू बंधन तिग्गाप्रतिनिधि, सिसईसिसई प्रखंड के सहेंदा गांव में पारंपरिक रीतिरिवाज से सोहराई पर्व मनाया गया. इस अवसर पर गांव के बेलाटोंगरी में सरना झंडा की स्थापना कर सूअर की बलि दी गयी. सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने पारंपरिक रीतिरिवाज […]
पारंपरिक रीतिरिवाज से मनाया गया सोहराई पर्व.28 गुम 9 में पूजा करते सरना धर्म गुरू बंधन तिग्गाप्रतिनिधि, सिसईसिसई प्रखंड के सहेंदा गांव में पारंपरिक रीतिरिवाज से सोहराई पर्व मनाया गया. इस अवसर पर गांव के बेलाटोंगरी में सरना झंडा की स्थापना कर सूअर की बलि दी गयी. सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने पारंपरिक रीतिरिवाज से पूजा पाठ कराया. उन्होंने कहा कि सोहराई पर्व हमारे पूर्वजों की देन है. काफी वर्षों पूर्व हमारे पूर्वज आदिवासी परंपरा के अनुसार मनाते थे. आज भी हम इस पर्व को उसी तरह से मना रहे हैं. अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाये रखने के लिए हमें ऐसा करना जरूरी है. इस अवसर पर सरना प्रार्थना सभा के सचिव सुरेंद्र उरांव, गजेंद्र उरांव, अंगनु उरांव, जयंत टोप्पो, शिव प्रकाश भगत, रोपना उरांव सहित कई लोग उपस्थित थे.