::4::: गो गंगा व गौरी का धार्मिक महत्व है : बाबा उमाकांत

कलशयात्रा के साथ दो दिनी गोपाष्टमी महोत्सव शुरू 30 गुम 30 में पहलामाढ़ा नदी से कलश में जल भरती महिलाएं. प्रतिनिधि, रायडीहरायडीह प्रखंड क्षेत्र के सुरसांग करंजपुर गांव में कलशयात्रा के साथ गुरुवार से दो दिनी गोपाष्टमी महोत्सव शुरू हुआ. गांव के पहलामाढ़ा नदी से 1001 महिलाओं ने कलश में जल भर कर कलशयात्रा निकाली. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2014 11:03 PM

कलशयात्रा के साथ दो दिनी गोपाष्टमी महोत्सव शुरू 30 गुम 30 में पहलामाढ़ा नदी से कलश में जल भरती महिलाएं. प्रतिनिधि, रायडीहरायडीह प्रखंड क्षेत्र के सुरसांग करंजपुर गांव में कलशयात्रा के साथ गुरुवार से दो दिनी गोपाष्टमी महोत्सव शुरू हुआ. गांव के पहलामाढ़ा नदी से 1001 महिलाओं ने कलश में जल भर कर कलशयात्रा निकाली. जो करंजपुर शिव मंदिर परिसर पहुंच कर संपन्न हुई. इसके बाद 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन शुरू हुआ. महोत्सव में रामरेखाधाम से पधारे बाबा उमाकांत परपन्ना जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में गो गंगा व गो गौरी का धार्मिक महत्व है. लेकिन वर्तमान में यह असुरक्षा के घेरे में आ गया है. इसे बचाने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है. इसका सम्मान और रक्षा करना समाज का दायित्व है. गाय के मूत्र से कई प्रकार की औषधि बनती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विशेष कर युवाओं में संस्कार की कमी देखी जा रही है. इसका प्रभाव समाज पर भी पड़ रहा है. समाज विकसित होगा, तो देश का भी विकास होगा. इस बात को युवाओं को समझने की जरूरत है. इस अवसर पर दिगंबर मिश्रा, भैरव सिंह, तेतरू सिंह, शंकर पांडेय, वृंदा सिंह, जगतपाल राम, गोपाल राम, भरत पंडा, रंजीत उरांव, बालमुकुंद सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे.

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