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बिशुनपुर में बारिश में बह गयी 17 करोड़ की नहर

Jharkhand news, Gumla news : गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर प्रखंड के मुंदार से कोयनार टोली तक बनी पक्की नहर एक साल भी नहीं टिक पायी. तेज पानी के बहाव से पक्की नहर एक साल में ही ध्वस्त हो गया. मुंदार से कोयनार टोली तक 17 करोड रुपये की लागत से पक्की नहर का निर्माण हुआ था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2020 5:59 PM

Jharkhand news, Gumla news : गुमला : गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर प्रखंड के मुंदार से कोयनार टोली तक बनी पक्की नहर एक साल भी नहीं टिक पायी. तेज पानी के बहाव से पक्की नहर एक साल में ही ध्वस्त हो गया. मुंदार से कोयनार टोली तक 17 करोड रुपये की लागत से पक्की नहर का निर्माण हुआ था.

एक वर्ष पूर्व साईं कृष्णा कंट्रक्शन द्वारा लगभग 17 किलोमीटर पक्की नहर का निर्माण कराया गया था. कई बार निर्माण कार्य में अनियमितता को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज उठायी थी, लेकिन संवेदक एवं विभाग द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. यही कारण है कि एक साल में ही यह नहर लगभग आधा दर्जन जगहों पर टूट कर ध्वस्त हो गया है.

बिशुनपुर में बारिश में बह गयी 17 करोड़ की नहर 3

जब नहर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था तो मूदार, रहेटोली, चपाटोली, मंजीरा, डीपाडीह, करमटोली, जेहन, गुट्वा कोईनार टोली,अंबाटोली सहित कई गांव होते हुए इस नहर को गुजारा गया था. इस कारण तमाम गांव के किसान काफी खुश थे कि अब उनके खेतों में आसानी से नहर के माध्यम से पानी पहुंच जायेगा. इस पानी से खेतों में सिंचाई करते हुए फसल का बेहतर उत्पादन कर पायेंगे. उनके समक्ष सिंचाई का अभाव नहीं होगी, लेकिन बारिश ने संवेदक द्वारा कराये गये निर्माण कार्य में गुणवत्ता की पोल खोल कर ही रख दी है.

बिशुनपुर में बारिश में बह गयी 17 करोड़ की नहर 4

पिछले वर्ष यह नहर बनते के साथ कई जगह से टूट गया था और इस वर्ष भी लगभग आधा दर्जन जगहों पर नहर टूट गया है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. इधर, नहर के टूटने से किसानों के उम्मीदों पर फिर से पानी फिरने लगा है. गांव के किसान अब नहर से सिंचाई की उम्मीद खो चुके हैं.

इस संबंध में हेलता पंचायत के पंचायत समिति सदस्य सुशील मुंडा ने बताया कि नहर निर्माण का काम जब चल रहा था, तब संवेदक द्वारा काफी घटिया निर्माण कराया जा रहा था, जिसका विरोध भी ग्रामीणों ने किया था. लेकिन, विभागीय अधिकारियों के इस ओर ध्यान नहीं देने और संवेदक द्वारा गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य नहीं करने से आज इसका परिणाम देखने को मिल रहा है.

Posted By : Samir ranjan.

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