घाघरा के बेबीकॉर्न की मांग विदेशों में भी

गुमला : घाघरा प्रखंड के हापामुनी ग्राम में संचालित हापामुनी एग्रोटेक संस्था कृषि के क्षेत्र में गुमला में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. हापामुनी व उसके आसपास के गांवों में संस्था द्वारा 60 एकड़ भूमि पर बेबीकॉर्न की खेती की गयी थी, जो अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. एग्रोटेक द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:51 PM

गुमला : घाघरा प्रखंड के हापामुनी ग्राम में संचालित हापामुनी एग्रोटेक संस्था कृषि के क्षेत्र में गुमला में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. हापामुनी व उसके आसपास के गांवों में संस्था द्वारा 60 एकड़ भूमि पर बेबीकॉर्न की खेती की गयी थी, जो अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है.

एग्रोटेक द्वारा उत्पादित बेबीकॉर्न की मांग भारत के विभिन्न शहरों के अलावा अफ्रीका, दुबई, शारजाह, ओमान व सउदी अरब में भी बड़े पैमाने पर है. बेबीकॉर्न को 125 ग्राम के छोटे-छोटे पैकेट में सील कर हपामुनी से सीधे कोलकाता और कोलकाता से दूसरे देशों में पहुंचाया जा रहा है. एग्रोटेक के संचालक अवध मणि पाठक की पुत्री रितु पाठक बेबीकॉर्न की खेती करवा रही है.

रितु पाठक इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी नई दिल्ली से एमजीएसएमटी की डिग्री प्राप्त कर चुकी है. रितू पाठक ने लाखों रुपये की लागत से बड़े पैमाने पर 60 एकड़ भूखंड में खेती कराया. इस संबंध में रितू पाठक बताती हैं कि एक बार बेबीकॉर्न की खेती करने के बाद साल भर में तीन बार फसल प्राप्त किया जाता है.

पहली फसल 60 दिन बाद, फिर दूसरी फसल पहले के 65 दिन बाद व तीसरी फसल दूसरी फसल के 80 दिन बाद प्राप्त किया जाता है. भारतीय बाजार में एक सौ से दो सौ रुपये प्रति किलोग्राम फसल का मूल्य प्राप्त होता है. जबकि विदेशी बाजार में इसकी ऊंची कीमत प्राप्त होती है. बेबीकॉर्न की खेतीबारी में क्षेत्र के कई बेरोजगारों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है. इससे इस क्षेत्र से पलायन जैसी समस्या खत्म हो गयी है.
– ओमप्रकाश चौरसिया –

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