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खंडहर में तब्दील हो चुके 18 सरकारी भवनों को किया जा रहा ध्वस्त

ये सभी सरकारी भवन तीन से चार करोड़ रुपये की लागत से बने थे, जो अब किसी उपयोग का नहीं था. अगर इन भवनों को जल्द ध्वस्त नहीं किया जाता, तो कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता था. यहां तक कि बीडीओ जिस आवास में रहते थे. वह भी जर्जर हो गया है.

पालकोट (गुमला): प्रभात खबर में छपी खबर का असर हुआ है. सरकारी अधिकारी, कर्मचारी व आम जनता के लिए खतरनाक हो चुके पालकोट प्रखंड परिसर स्थित खंडहर सरकारी भवनों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. रविवार को कई खंडहर भवनों को जेसीबी से ध्वस्त किया गया. करीब 18 सरकारी भवन है जो कंडम हो गया है. ये सरकारी भवन वर्षो पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से बना था. परंतु समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण सभी भवन खंडहर हो गया था. भवन टूटकर गिर भी रहा था.

बरसात में भवन के नीचे खड़ा होना सबसे ज्यादा खतरनाक था. इसलिए प्रभात खबर में खंडहर भवनों की खबर छपते ही गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव ने गंभीरता से लिया और रविवार से सभी भवनों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया. जिसके बाद पालकोट बीडीओ मनीष कुमार ने जेसीबी लगाकर खंडहर हो चुके भवनों को ध्वस्त कराना शुरू कर दिये हैं.

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ये सभी सरकारी भवन तीन से चार करोड़ रुपये की लागत से बने थे, जो अब किसी उपयोग का नहीं था. अगर इन भवनों को जल्द ध्वस्त नहीं किया जाता, तो कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता था. यहां तक कि बीडीओ जिस आवास में रहते थे. वह भी जर्जर हो गया है. भवन गिर न जाये. इसलिए बीडीओ फिलहाल राजस्व कर्मचारियों के लिए बनाये गये भवन में रहते हैं.

यहां बता दें कि जिन 18 सरकारी भवनों को कंडम घोषित किया गया है. यहां बताते चलें कि पालकोट प्रखंड परिसर में 40 से अधिकारी सरकारी भवन है. जिसमें मात्र नया प्रखंड सह अंचल कार्यालय, तहसील कचहरी और हल्का कर्मचारी आवास ठीक है. जबकि 18 भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है. 16 से 17 भवन भी जर्जर होने लगा है.

संवेदक संतोष केसरी ने बताया कि प्रशासन के आदेशानुसार प्रखंड परिसर के सभी जर्जर सरकारी भवनों को तोड़ना है. बीडीओ डॉक्टर मनीष कुमार ने बताया कि प्रभात खबर में बीते दो दिन पहले जर्जर भवन की खबर प्रमुखता से छपने के बाद गुमला डीसी द्वारा आदेश दिया गया कि जितना जल्दी हो सकें. पुराने जर्जर आवासों को ध्वस्त करते हुए नया आवास बनायें.

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