Loading election data...

20- 20 हजार में दिल्ली में बिकी असुर जनजाति की 2 बेटियां, प्रताड़ित होने पर मालकिन के घर से भागी, पहुंची गुमला

Jharkhand News, Gumla News, Human Trafficking : झारखंड के गुमला जिला के घोर उग्रवाद प्रभावित बिशुनपुर प्रखंड के पहाड़ों में रहने वाले विलुप्त प्राय: असुर जनजाति की 2 नाबालिग लड़कियों को एक साल पहले मानव तस्करों ने 20-20 हजार रुपये में दिल्ली में बेच दिया था. दोनों को अलग-अलग स्थानों पर बेचा गया था. जिस घर में लड़कियों को घरेलू काम के लिए रखा गया था. उस घर की मालिक एवं मालकिन पिटाई करते थे. बासी खाना एवं सूखी रोटी खाने को देते थे. हर काम पर गाली मिलता था. प्रताड़ना से तंग होकर दोनों लड़कियां हिम्मत जुटायी और घर से निकलकर भाग गयी. भागने के बाद सड़कों पर भटकते समय चाइल्ड लाइन दिल्ली ने दोनों लड़कियों की मदद की. घर का पता पूछने के बाद दोनों लड़कियों को दिल्ली से रांची फिर गुमला लाया गया. अभी दोनों लड़कियां सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में हैं. उन्हें बालगृह में रखा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2020 2:40 PM
an image

Jharkhand News, Gumla News, Human Trafficking : गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिला के घोर उग्रवाद प्रभावित बिशुनपुर प्रखंड के पहाड़ों में रहने वाले विलुप्त प्राय: असुर जनजाति की 2 नाबालिग लड़कियों को एक साल पहले मानव तस्करों ने 20-20 हजार रुपये में दिल्ली में बेच दिया था. दोनों को अलग-अलग स्थानों पर बेचा गया था. जिस घर में लड़कियों को घरेलू काम के लिए रखा गया था. उस घर की मालिक एवं मालकिन पिटाई करते थे. बासी खाना एवं सूखी रोटी खाने को देते थे. हर काम पर गाली मिलता था. प्रताड़ना से तंग होकर दोनों लड़कियां हिम्मत जुटायी और घर से निकलकर भाग गयी. भागने के बाद सड़कों पर भटकते समय चाइल्ड लाइन दिल्ली ने दोनों लड़कियों की मदद की. घर का पता पूछने के बाद दोनों लड़कियों को दिल्ली से रांची फिर गुमला लाया गया. अभी दोनों लड़कियां सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में हैं. उन्हें बालगृह में रखा गया है.

इस प्रकार बिकी पीड़िता, फिर हुई मुक्त

बिशुनपुर की सीता असुर (बदला हुआ नाम) 7 भाई- बहनों में दूसरे नंबर पर है. माता- पिता बॉक्साइड माइंस में मजदूरी करते हैं. घर की स्थिति ठीक नहीं है. गरीबी के कारण वर्ग 3 तक पढ़ी है. पीड़िता ने बताया कि गरीबी एवं लाचारी के कारण वह मानव तस्कर लालदेव मुंडा के बहकावे में आ गयी. तस्कर उसे दिल्ली ले गयी. दिल्ली जाने के समय उसके पास 500 रुपये थे. तस्कर ने उसे दिल्ली के एक ऑफिस में 20 हजार में बेच दिया. ऑफिस में 2 दिन रखा गया. फिर उसे एक घर में घरेलू काम के लिए रखा गया. पीड़िता ने कहा कि उसे पीटा गया. बासी भोजन खाने को मिलता था. हर दिन वह प्रताड़ित होने लगी. जब घर पर कोई नहीं थे, तो वह भाग गयी. भाग कर रेलवे स्टेशन पहुंची. तभी चाइल्ड लाइन के सदस्य मिले. उसे दिल्ली के नारी निकेतन में कुछ दिन रखा गया. फिर झारखंड भेज दिया. पीड़िता ने बताया कि उसके पास जो 500 रुपये थे. उसमें से 400 रुपये खर्च हो गये. 100 रुपये दिल्ली से बचाकर लायी. जिस घर में 10 महीने काम की. वहां से एक पैसा नहीं मिला.

शादी के दबाव में तस्कर के चक्कर में फंसी

बिशुनपुर के पहाड़ी इलाका की गीता असुर (बदला हुआ नाम) 2019 के दिसंबर माह में मानव तस्कर सुले उसे दिल्ली ले गया और एक ऑफिस में उसे बेच दिया. पीड़िता ने बताया कि उसकी उम्र कम है. कक्षा 4 तक पढ़ी है. उसकी दादी कम उम्र में ही उसकी शादी करना चाह रही थी, जबकि वह पढ़ाई करना चाहती थी. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. माता- पिता मजदूरी करते हैं. शादी का दबाव और ऊपर से घर की गरीबी. इसलिए वह मानव तस्कर सुले के कहने पर दिल्ली चली गयी. जहां उसे एक ऑफिस में एक सप्ताह रखा गया. फिर उसे काम करने के लिए एक कोठी में भेज दिया गया. 8 महीने तक कोठी में काम की. इस दौरान उसे सूखी रोटी खाने को मिलता था. गाली भी घर मालकिन देती थी. जब घर के लोग कहीं गये तो गीता भाग गयी. जब स्टेशन पहुंची तो चाइल्ड लाइन ने उसकी मदद कर नारी निकेतन में रखा. फिर गुमला भेज दिया.

Also Read: झारखंड की मानव तस्कर असीना ने गुमला की आदिवासी बेटी को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने के लिए किया मजबूर
नहीं जायेंगे दिल्ली, करेंगे पढ़ाई

दोनों लड़कियों ने प्रभात खबर को बताया कि दिल्ली में उन्हें प्रताड़ित किया गया. अब वे कभी दिल्ली नहीं जायेंगे. अपने माता-पिता के पास गांव में ही रहेंगे. दोनों लड़कियों ने पढ़ने की इच्छा प्रकट की है. साथ ही सीडब्ल्यूसी से कस्तूरबा स्कूल में नामांकन कराने की मांग की है.

दिल्ली में बिकी थी दोनों बेटियां : संजय कुमार भगत

इधर, गुमला सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय कुमार भगत ने कहा कि दोनों लड़कियों को तस्करों ने दिल्ली में बेच दिया था. जितना दिन लड़कियों ने काम किया. उसका मजदूरी भी नहीं मिला. दोनों का बयान लिया गया है. आगे की कार्रवाई की जायेगी. स्कूल में नामांकन के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version