गुमला : मिशन बदलाव की पहल पर 210 मजदूर कोलकाता से सोमवार को गुमला पहुंच गये हैं. कोलकाता में मिशन बदलाव के सदस्य प्रोफेसर गौतम बसु व सपना सुरीन ने मजदूरों के रांची आने की व्यवस्था की. इसके बाद सभी की रांची में स्वास्थ्य जांच कराने के बाद गुमला लाया गया. सभी मजदूरों को होम कोरेंटिन में रहने के लिए कहा गया है. मजदूर किस प्रकार घर पहुंचे, पढ़ें दुर्जय पासवान की रिपोर्ट.
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मिशन बदलाव, रांची के संयोजक भूषण भगत ने बताया कि कोलकाता में ये सभी मजदूर फंस गये थे. इन लोगों ने फोन कर मिशन बदलाव से मदद मांगी थी. इसके बाद प्रोफेसर गौतम व सपना सुरीन ने सभी मजदूरों के खाने- पीने की व्यवस्था कराया था. मजदूरों ने वापस गुमला आने की इच्छा प्रकट की थी. इस पर पहल करते हुए सरकार से बात की गयी. फिर कोलकाता व झारखंड में समन्वय बनाकर सभी मजदूरों को सोमवार की सुबह रांची लाया गया. रांची आने के बाद इन मजदूरों का स्वास्थ्य जांच हुआ, इसके बाद गुमला भेजा गया है. गुमला लौटे मजदूर एतवा खड़िया, रंजीत लोहरा, सुशील उरांव, गणेश झोरा, परदेशी उरांव ने कहा कि मिशन बदलाव की पहल से आज हम सभी मजदूर अपने गांव लौटे हैं. लॉकडाउन में बहुत परेशानी हो रही थी. संकट में मिशन बदलाव ने हर जगह मदद की.
27 मजदूर बस से गुमला पहुंचे
दूसरी ओर, गुमला के 27 मजदूर जो दूसरे राज्यों में मजदूरों कर रहे थे, वे सोमवार की सुबह डालटनगंज पहुंचे. डालटनगंज पहुंचने पर मिशन बदलाव के सदस्यों की पहल पर सभी मजदूरों के लिए एक बस की व्यवस्था की गयी और इन्हें गुमला भेजा गया. इसमें गुमला जिले के 21 व सिमडेगा जिला के छह मजदूर हैं. मिशन बदलाव के अनुसार, इन मजदूरों के खाने- पीने से लेकर आने की व्यवस्था करने में संस्थान के सदस्यों ने काफी मदद की है.
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पूर्व आईजी ने की मजदूरों की मदद
पूर्व आईजी डॉक्टर अरूण उरांव ने तेलंगाना से पैदल गुमला आने के लिए निकले 85 मजदूरों की मदद की. जब श्री उरांव को पता चला कि हमारे जिले के 85 मजदूर सरकार से मदद नहीं मिलने के बाद पैदल घर के लिए निकल पड़े हैं, तो उन्होंने तेलंगाना के अधिकारियों से बात की. इसके बाद तेलंगाना में मिशन बदलाव के वीरेल भुटा ने मजदूरों से संपर्क साधा. फिर मजदूरों को मिडचल जिला के एक विवाह मंडप में रहने व खाने की व्यवस्था की गयी. फिर वाहन की व्यवस्था कर सभी को गुमला लाया गया. भूषण भगत ने बताया कि पूर्व आईजी डॉ अरूण उरांव की पहल पर सभी 85 मजदूर सकुशल लौट आये हैं.