वीरान पड़ा है आदर गांव में बना तहसील केंद्र

गुमला : घाघरा अंचल के आदर गांव में बना सरकारी तहसील केंद्र वीरान पड़ा हुआ है. इसके चलते ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए गांव से 30 किलोमीटर दूर घाघरा प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. वर्ष 2003-04 में लाखों रुपये की लागत से सरकारी तहसील केंद्र का निर्माण कराया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:55 PM

गुमला : घाघरा अंचल के आदर गांव में बना सरकारी तहसील केंद्र वीरान पड़ा हुआ है. इसके चलते ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए गांव से 30 किलोमीटर दूर घाघरा प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है.

वर्ष 2003-04 में लाखों रुपये की लागत से सरकारी तहसील केंद्र का निर्माण कराया गया था, ताकि पहाड़ी क्षेत्र के ग्रामीणों को आसानी से राजस्व का भुगतान किया जा सके. साथ ही आय, जाति प्रमाण पत्र व वृद्धा पेंशन जैसी लाभकारी योजनाओं का लाभ उठा सके, लेकिन वर्तमान में यह तहसील केंद्र खंडहर में तब्दील हो गया है.

अब ग्रामीणों को राजस्व जमा करने सहित अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लगभग 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तय कर घाघरा प्रखंड मुख्यालय जाना पडता है. राजेंद्र उरांव, विजय उरांव, रमेश भगत, किशोर उरांव, विलास टोप्पो, सागेन होरो, करमा असुर, रामवृक्ष असुर, सनिया असुर, फोकवा असुर आदि ग्रामीणों का कहना है कि आदर गांव में जब तक तहसील केंद्र था, तब दर्जनों ग्रामीणों को राजस्व जमा करने सहित अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ लेने में काफी सुविधा होती थी.

लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण तहसील केंद्र बंद हो गया और अब घाघरा में केंद्र बनाया गया है. गांव से प्रखंड मुख्यालय आवागमन करने में भारी परेशानी होती है.

Next Article

Exit mobile version