प्रखंड के गजवा गांव के 25 परिवार एक साथ जर्जर घर में रहने को मजबूर हैं. घर कभी भी ध्वस्त हो सकता हैं. बरसात के दिन में घर में छत का पानी टपकता रहता हैं. जिससे लोग परेशान हैं. भुक्तभोगियो ने उपायुक्त को आवेदन देकर आवास देने का गुहार लगायी है. इस संबंध में भुक्तभोगी अफशरा खातून, फमीदा खातून व अफताबुर रहमान ने बताया कि हमलोग तीन गोतिया हैं.
एक ही मिट्टी के बने घर में रह रहे हैं. वर्ष 2011 के आर्थिक गनगणना के सर्वे में बिचौलियो द्वारा हमलोग का नाम हटा दिया गया था. इतना ही नहीं, बल्कि वर्ष 2020 में आवास प्लस में नाम जोड़ा गया था, लेकिन पंचायत के बिचौलिया व मुखिया के द्वारा नाम को हटा दिया गया. सभी की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण घर की मरम्मति नहीं करा पा रहे है. इस संबंध में बीडीओ मुरली यादव ने कहा कि उक्त लोगों द्वारा आवेदन नहीं दिया गया हैं. आवास प्लस में नाम रहने के बाद ही पीएम आवास का लाभ मिल सकता है.